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Gyandutt Pandey - मानसिक हलचल

Gyandutt Pandey - मानसिक हलचल

By GYANDUTT PANDEY

इस पॉडकास्ट में अपने आसपास के भ्रमण और मन में उठने वाले विचारों का विवरण है। उसमें वर्तमान है, अतीत भी। भविष्य की आशंकायें हैं और आशायेंं भी। उल्लास है और उदासी भी।
इस में विचारोत्तेजक बैठकी भी जुड़ गई है - परस्पर बातों विचारों का आदान-प्रदान! बैठकी किसी भी आपसी समझ के मुद्दों पर हो सकती है है!
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दांत का कीड़ा झड़वाये अशोक पंडित Post #8

Gyandutt Pandey - मानसिक हलचल Jul 20, 2021

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06:36
प्रेम सागर पाण्डेय, द्वादश ज्योतिर्लिंग के कांवर पदयात्री हनुमना के आगे

प्रेम सागर पाण्डेय, द्वादश ज्योतिर्लिंग के कांवर पदयात्री हनुमना के आगे

प्रेम सागर 12 ज्योतिर्लिंगों की कांवर पदयात्रा पर निकले हैं. मेरे ब्लॉग पर उनकी यात्रा के विवरण पोस्ट हो रहे हैं. यह पॉडकास्ट भी उसी कड़ी में है, जिसमें उनके साथ बात चीत समाहित है.
Sep 06, 202111:13
रिकंवच के बहाने देसी मिठाइयों और व्यंजनों पर बातचीत Post #13

रिकंवच के बहाने देसी मिठाइयों और व्यंजनों पर बातचीत Post #13

रिकंवच के साथ साथ #गांवदेहात के व्यंजनों और मिठाइयों पर पॉडकास्ट. इसमें अनरसा, गुड़ की जलेबी, लेड़ुआ, लखटू, तिलवा, पिटिउरा, दलभरी आदि देसी भोज्य पदार्थों की बातचीत है, जो अब कम ही दिखते हैं. कृपया सुना जाए!
Jul 31, 202115:10
ओम प्रकाश यादव, वॉचमैन Post #12

ओम प्रकाश यादव, वॉचमैन Post #12

वह गरीब विपन्न व्यक्ति है जो अपनी ईमानदारी, काम में मुस्तैदी और प्रतिबद्धता के बल पर अपनी जीविका चला ले रहा है. गांव देहात में नियमित काम की व्यापक कमी के बावजूद.
Jul 27, 202104:24
अगियाबीर के पुरातात्विक अन्वेषक डा. अशोक कुमार सिंह के संस्मरण Post #11

अगियाबीर के पुरातात्विक अन्वेषक डा. अशोक कुमार सिंह के संस्मरण Post #11

डा. अशोक कुमार सिंह भारतीय पुरातत्व में मध्य गंगा घाटी के सशक्त हस्ताक्षर हैं। उनके पास लगभग चार दशक का आर्कियॉलॉजिकल एक्सकेवेशन का अनुभव है। वे फील्ड के पुरातत्वविद हैं; आर्मचेयर आर्कियॉलॉजिस्ट नहीं। अगियाबीर की महत्वपूर्ण अतिप्राचीन नगरीय सभ्यता की खोज का सेहरा उन्हीं के सिर बंधा है। अगियाबीर आज से पैंतीस सौ साल पहले का गंगा घाटी का औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्र हुआ करता था, यह डा. सिंह के उत्खनन से स्पष्ट होता है।

वे अपने अगियाबीर खोज और उत्खनन के संस्मरण मेरे पॉडकास्ट पर सुनाने को पूरी सहृदयता से राजी हो गये। आज उस कड़ी में पहला पॉडकास्ट है जिसमें वे अगियाबीर की पहली खुदाई के बारे में बताते हैं। 

Jul 26, 202133:21
भदोही जनपद का इतिहास और पुरातत्व - डाॅ. रविशंकर से एक चर्चा Post #10

भदोही जनपद का इतिहास और पुरातत्व - डाॅ. रविशंकर से एक चर्चा Post #10

डाॅ. रविशंकर भदोही जनपद के पुरातत्वीय अध्ययन पर अथॉरिटी हैं। वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पुरातत्व के प्रवक्ता (पोस्ट डॉक्टरल फैलो) हैं। उनका शोध प्रबंध भदोही जनपद के पुरातात्विक सर्वेक्षण को लेकर है। उन्होंने 100 से अधिक पुरातत्व के महत्व के स्थलों का बारीकी से अध्ययन किया है। चर्चा में भदोही के नाम और इतिहास की प्राचीनता पर उनके विचार हैं।

Jul 24, 202120:15
रस्सी बनाने की मशीन - गांव की सर्कुलर अर्थ व्यवस्था का नायाब उदाहरण - Post #9

रस्सी बनाने की मशीन - गांव की सर्कुलर अर्थ व्यवस्था का नायाब उदाहरण - Post #9

एक ऐसी मशीन का विवरण जो मोटर साइकिल पर लाद कर आदमी चलता है और पुरानी साड़ियों से रस्सी या गाय गोरू बांधने का पगहा बुनता है
Jul 21, 202106:47
दांत का कीड़ा झड़वाये अशोक पंडित Post #8

दांत का कीड़ा झड़वाये अशोक पंडित Post #8

देश की बड़ी आबादी दांत के दर्द से परेशान है. #गांवदेहात में आदमी इस दर्द को कैसे लेता है? क्या इलाज कराता है? इसको बताती है ये पॉडकास्टिकी.
Jul 20, 202106:36
साण्डा - धान की खेती Post #7

साण्डा - धान की खेती Post #7

गांव में पानी न बरसने के कारण धान की खेती के लिए संकट हो गया था, पर एक दिन बारिश झमाझम होने से किसान धान की रोपाई में जुट गया. धान की खेती, साण्डा और गणित का सम्बंध इस #गांवदेहात की पॉडकास्ट में है.
Jul 19, 202107:36
युगांत - इरावती कर्वे - भीष्म का चरित्र Post #6

युगांत - इरावती कर्वे - भीष्म का चरित्र Post #6

मानसिक हलचल की पॉडकास्टिकी का यह अंक प्रोफेसर इरावती कर्वे की प्रसिद्ध पुस्तक युगांत पर हमारी (रीता, मेरी पत्नी जी और मेरी) परिचयात्मक चर्चा पर है. इस परिचय में हम प्रो. कर्वे ने भीष्म को जैसा दर्शाया है, उस पर भी अपनी समझ के अनुसार बातचीत कर रहे हैं.
Jul 18, 202132:08
ICU में गांव की पोखरी - रीता पाण्डेय के साथ मानसिक हलचल की बैठकी Post #5

ICU में गांव की पोखरी - रीता पाण्डेय के साथ मानसिक हलचल की बैठकी Post #5

गांव विक्रमपुर की आबादी के बीच पोखरी की दशा दुर्दशा पर यह पॉडकास्टिकी है। इसमें हम यह भी कह रहे हैं कि क्या किया जा सकता है - पोखर को सुधारने और जल संसाधन के बेहतर प्रबंध के लिए। गांव के पोखर के माध्यम से जल प्रबंधन के व्यापक मुद्दे पर भी विचार रखने का प्रयास किया है।
Jul 16, 202125:30
बैठकी - मरण - चर्चा और पुनर्जन्म सिद्धांत Post #4

बैठकी - मरण - चर्चा और पुनर्जन्म सिद्धांत Post #4

"बैठकी" ज्ञानदत्त पाण्डेय की धीरेंद्र कुमार दुबे के साथ चर्चा का पॉडकास्ट है। यह पिछ्ली बार 'रिटायरमेण्ट @ 45' विषय पर चर्चा से प्रारम्भ हुई थी। हम दोनो को लगा कि उसी तरह से अन्य विषयों पर भी अपने अनुभव, अध्ययन और मनन के आधार पर सहज बातचीत की जा सकती है, जो सुनने वालों को भी शायद रुचिकर लगे।
पिछली चर्चा पर एक महिला जी की टिप्पणी फेसबुक पर प्राप्त हुई - अब मरने की चर्चा कीजिये।
शायद वे साठ और साठोत्तर व्यक्तियों से मरण पर सुनना चाहती हों, या शायद उन्होने इसे यूं ही लिख दिया हो; हमने टिप्पणी को पूरी गम्भीरता से लिया और यह "मरण-चर्चा" कर डाली। वह चर्चा पॉडकास्ट के रूप में आपके समक्ष प्रस्तुत है।
इस चर्चा में धीरेंद्र ने एक पुस्तक Top Five Regrets of the Dying: A Life Transformed by the Dearly Departing की चर्चा की है। उसका अमेजन पर उपलब्धता का लिंक यह है -
amzn.to/3xBtUz6
Jul 11, 202131:19
बैठकी - रिटायरमेण्ट @ 45 पर धीरेंद्र कुमार दुबे जी से बातचीत Post #3
Jul 08, 202127:26
मुराहू पंडित से दीर्घ जीवन के सूत्रों पर चर्चा Post #2

मुराहू पंडित से दीर्घ जीवन के सूत्रों पर चर्चा Post #2

मुराहू पंडित (उपाध्याय) मेरे गाँव से 7 कि.मी. दूर लीला पुर गांव में रहते हैं। वे 87 वर्ष के हैं। पूर्णतः फिट। रोज 14 कि.मी. साईकिल चला गंगा स्नान करने जाते हैं। उनसे राह चलते मैंने उनके दीर्घ जीवन के सूत्रों पर चर्चा की। उनसे विस्तार से चर्चा तो कभी उनके घर जा कर होगी।
Jun 18, 202106:56
गांव का जीवन और जांत का गीत Post #1

गांव का जीवन और जांत का गीत Post #1

कई दशक हुए जांत विलुप्त हो गए हैं ग्रामीण जीवन से। उनका स्थान आटा चक्की ने ले लिया है। कहीं कहीं अब भी दिख जाता है जांत और उसके गीत गाने वाले भी कुछ बचे हैं।
Aug 30, 202005:57