Inhindia
By Prem Kumar
If you are a poetry listener then you can feel that a poetry has a fathomless depth by meaning.
Now let's play and enjoy...
InhindiaJan 16, 2020
होठों पर गंगा हो... (कुमार विश्वास)
January 25, 2020
विवेक की परिक्षा | Hindi Funny Story
हमारे राजा एक प्रतियोगिता का आयोजन आने वाली पूर्णिमा को कर रहे हैं। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले व्यक्ति को राजा के समक्ष राज दरबार में झूठ बोलना होगा। यदि राजा उस झूठ को स्वीकार कर लेंगे तो अपनी इकलौती पुत्री की शादी उस व्यक्ति से कर देंगे और उपहार स्वरूप अपने राज्य का आधा राज्य उसके नाम कर देंगे।”
Bhay hai to bhoot hai - Story in hindi
Real story of my village:
पंडिताइन बहुत ही गुस्सा करने लगी, “पंडित होकर आप भूतों से डरते हैं तो आम लोगों का क्या होगा। देख लेना, आपकी डर की वजह से आपका कमाया हुआ सारा धन लड़के इसी तरह लूट लेंगें। फिर हमारी हालत भीख माँगने की हो जायेगी। आप पंडित हैं, मंत्र का जाप करते हुए नदी पार करेंगे तो कोई भूत कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा।”
इस कहानी को आप नीचें के लिंक पर Click कर के सुन सकते हैं।
Bhay hai to bhoot hai - Story in hindi
ऐसी और भी कहानी सुनें:
Akbar Birbal Story in hindi - Sabse Bada Sukh
Akbar Birbal Story in Hindi - There are many stories of Raja Akbar and Birbal, these stories are very interesting and full of humor. Today I am telling another story of Akbar and Birbal in Hindi.
To listen more stories of Akbar birbal on visit Akbar Birbal Story in hindi
To listen more stories Click here Story In Hindi
अब राजा अकबर भी बिरबल के इस तरकीब से प्रसन्न थे। राजा अकबर को समझ आ गया था कि समय और परिस्थिति के अनुरूप व्यक्ति के लिए सुख और दुःख का पैमाना बदलता रहता है। सुख कितना भी सुखदायक क्यों ना हो वक़्त के साथ उसका महत्व घट जाता है और दुःख कितना भी दुःखदायक क्यों ना हो वक़्त के साथ भर जाता हैं।
Jaisa Mann Vaisa Jeevan - Story in Hindi
कोई भी आविष्कार किसी ना किसी आविष्कारक के मन की उपज होती है। उस वस्तु की कला कृति पहले कारीगार या अविष्कारक के मन मंदिर में उपजता है फिर उसका मूर्त रूप कारीगार की मेहनत के अनुरुप सबके सामने आता है। मनुष्य के जीवन का भी यही गणित है, विचार पहले मन में जन्म लेता है फिर व्यवहारों के द्वारा जीवन में प्रदर्शित होता है और मनुष्य का जीवन भी वैसा ही हो जाता है।
Click below to go to the blog
लेखक: प्रेम कुमार
Website: Story In Hindi
तेरे नाम अनेक
संदेश व शिक्षा। श्रीमद्भगवद्गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन से यही कहा है, “हे अर्जुन, मैं मनुष्यों को उसी रूप में दर्शन देता हूँ। जिस रूप और नाम से वे मुझे याद करते हैं. उसकी पूरी श्रद्धा मुझे प्राप्त होती है ना कि मेरे नाम अथवा शरीर को.”