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Economics Term Definitions In Hindi

Economics Term Definitions In Hindi

By Manjula

Welcome To The Podcast Series With Manjula , Where I will give you insight into the Short Term Definition In Economics Which normally Ask in Daily Newspaper. Each Episodes Will give you Greater Understanding Of Short Definition Of Economics.I will also provide Others Subjects Podcast As soon as possible. Thanks For listening and Enjoy The Podcast!

Language:- Hindi
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Short Definition OF AFC

Economics Term Definitions In HindiAug 12, 2020

00:00
06:22
Short Definition OF AFC

Short Definition OF AFC

NBFC:- NON BANKING FINANCIAL COMPANY ( गैर वित्तीय कंपनी) ये एक प्रकार से फाइनेंशियल संस्था होती है जो बैंक ना होते हुए भी बैंक की तरह काम करती है। इसमें हम मुद्रा जमा भी के सकते है और उधार भी ले सकते है। जैसे: बीमा , मर्चेंट बैंकिंग, इन्वेस्टमेंट बिजनेस आदि। कुछ क्षेत्र एनबीएफसी के अन्तर्गत नहीं आते जैसे कृषि, वस्तुओं की खरीद फरोख्त इत्यादि। इतिहास:- 1960 में एनबीएफसी में जिन लोगो ने मुद्रा जमा किया था उन सभी लोगो का पैसे डूब गए थे तो 1963 में आरबीआई ने अलग अलग एनबीएफसी के क्षेत्र के लोगों के लिए नियम बनाने शुरू कर दिए । जैसे बीमा क्षेत्र( इन्शुरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) शेयर मार्केट ( सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) पेशन फंड( पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी) चिटफंड कंपनी ( राज्य सरकार) इत्यादि।दुनिया भर में इसे शैडो बैंकिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है। सरकार की तरफ से एनबीएफसी को ज्यादा फंड नहीं मिलता है तो बैंक से उधार लेकर, नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर्स ( एनसीडी) और कॉमर्शियल पेपर के जरिए अपना फंड जुटाते है। WHAT IS NON CONVERTABLE DIIPENCHARS :- ये एक तरह से बोंड की तरह होता है जिसे कंपनी उधार लेने के लिए जारी करती है इसकी मैच्युरिटी एक साल तक होती है पूरी होने पर कंपनी ब्याज दर का भुगतान कर सकती है। EXAMPLE:- मुद्रा योजना:- एनबीएफसी के माध्यम से चल रही है जिसका पूरा नाम माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड है । इस योजना का उद्देश्य:- गैर कॉरपोरेट उद्यमियों को लॉन मुहैया कराना। कंपनी एक्ट 2013 या 1956 के तहत पंजीकृत किया जाता है एनबीएफसी का। 2014 के डाटा के अनुसार 36 हजार फाइनेंस कंपनी पंजीकृत है। NBFC TYPES:- ASSET FINANCE COMPONY ( संपति वित्तीय कंपनी) जो संपति से सम्बन्धित सुविधाएं उपलब्ध करवाती है। होम फाइनेंस कंपनी ( जो होम लॉन की सुविधाएं उपलब्ध करवाती है) इन्वेस्टमेंट कंपनी ( जो निवेशकों को सुविधाएं उपलब्ध करवाती है) इत्यादि!! EXAMLE:- एक ग्राहक के पास न्यूनतम शेष राशि रखने के लिए पर्याप्त धन नहीं हो सकता ट्रेडिशनल बैंक में अपना खाता खुलवा सकते हो, निम्न आय वर्ग के लोग भी अपना खाता खुलवा सकते है। हालांकि एसबीआई में अब प्रधानमंत्री जनधन योजना प्रारम्भ हो गई है जिसके तहत निम्न वर्ग के लोगो को काफी मददगार सिद्ध हुई।Thank you for listening!!
Aug 12, 202006:22
Short Definition ADR,GDR.IDR

Short Definition ADR,GDR.IDR

Depository Reciepts:- ये एक प्रकार से सिक्योरिटी होती है। जिन्हे भारत से बाहर एक डिपोजिटरी बैंक किसी भारतीय कंपनी की तरफ से जारी करता है । निगोशिएबल सिक्योरिटी होती है यानी को शेयर या बोंड को खरीदा या बेचा का सकता है । अमेरिका सिंगापुर लगजंबर्ग, लंदन आदि जगहों पर शेयर बाजार में इनकी खरीद बिक्री की जाती है। Americans Reciepts:- किसी विदेशी सिक्योरिटी के बदले में अमेरिका मे जारी किया जाता है इसलिए इसे अमेरिकन डिपोजिटरी रसीद कहते है। example:- इंडियन कंपनी को अधिक पूंजी की आवश्यकता है और वो विदेश से पूंजी इकट्ठा करना चाहता है वोह ADR जारी करता है उसके बाद वोह डोमेस्टिक कस्टोडियन को सूचना देता है। डोमेस्टिक कस्टोडियन वोह डिपोजिटरी बैंक को सूचना देगा ओर डिपोजिटरी बैंक निवेशक को उसके बाद निवेशक वोह ADR को खरीद सकता है उसके लिए वोह डिपोजिटरी रसीद जारी करता है। GDR:- ग्लोबल डिपोजिटरी रसीद ! Exampl e:- इंडियन कंपनी को अलग अलग देश से पूंजी इकट्ठा करना है उसके वोह GDR जारी करती है जिससे निवेशक के लिए FCCB( सामान्य शेयर फॉरेन करेंसी कन्वर्टिबल बोंड ) के जरिए वोह निवेशक उस इंडियन कंपनी के शेयर खरीद सकता है। अक्सर इंडियन कंपनी युरो जुटाने के लिए यूरोपियन डिपोजिटरी रसीद जारी करती है। IDR:- इंडियन डिपोजिटरी रसीद! Example:- अब विदेशी कंपनी को इंडियन कंपनी से पूंजी चाइए उसके लिए वो IDR जारी करती है रुपया में। इसके लिए उन्हें सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया में पहले अपना पंजीकरण करना पड़ता है उसके बाद ही वोह उस इंडियन कंपनी से अपना पूंजी इकट्ठा कर सकती है जिस इंडियन कंपनी से उन्हें पूंजी चाइए।ADR/ GDR इंडियन कंपनी जारी करती है उसके लिए पहले उन्हें रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में सूचना देनी होती है इसी प्रकार से ADR/GDR/IDR काम करता है। मुझे आशा है कि आपको समझ आया हो।☺️☺️ धन्यवाद।।
Aug 11, 202007:08