मार्ग सत्य जीवन
By मार्ग सत्य जीवन
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मार्ग सत्य जीवनApr 24, 2021
Luke 15:4-10 खोई हुई भेड़ और खोए हुए सिक्के का दृष्टान्त।
परमेश्वर को भाता है, पापियों को ढूँढ़ना और उन्हें बचाना। लूका 15:4-10 God Delights In Pursuing And Saving Sinners. Luke 15:4-10 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Luke 14:28-33 गढ़ बनाने वाले व्यक्ति और युद्ध करने वाले राजा का दृष्टान्त।
विश्वासियों का ख्रीष्ट के प्रति समर्पण सम्पूर्ण होना चाहिए और ख्रीष्ट के पीछे चलने के लिए कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए। लूका 14:28-33 Believers' Commitment To Christ Must Be Complete And They Should Be Willing To Pay Any Price To Follow Him. Luke 14:28-33 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Luke 14:7-24 विवाह का भोज और बड़े भोज का दृष्टान्त।
विश्वासियो, परमेश्वर के राज्य में नम्रतापूर्वक आओ। लूका 14:7-24 Believers, Come To The Kingdom Of God In Humility. Luke 14:7-24 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
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Luke 12:35-48 विश्वासयोग्य सेवक का दृष्टान्त।
पुनरुत्थित और स्वर्गारोहित प्रभु शीघ्र ही लौटेगा जीवितों और मरे हुओं का न्याय करने के लिए, इसलिए विश्वासयोग्य सेवा का जीवन जियो। लूका 12:35-48 The Risen And Ascended Lord Will Return Imminently To Judge The Living And The Dead, Therefore Live A Life Of Faithful Service. Luke 12:35-48 1. तैयार रहो और सेवा करते रहो 2. बिना बताए स्वामी आएगा 3. प्रभु उचित रीति से न्याय करेगा #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
यशायाह 52:13-53:12 दुख उठाने वाला दास परमेश्वर की ओर से छुड़ाने वाला है।
दुख उठाने वाला दास परमेश्वर की ओर से छुड़ाने वाला है। यशायाह 52:13-53:12 The Suffering Servant Is The Deliverer From God. Isaiah 52:13-53:12#margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #goodfriday #gospel #jesus #sevenwordsonthecross #goodfridayservice #whatsappstatus https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Luke 12:16-21 धनी मूर्ख का दृष्टान्त।
पृथ्वी पर धन इकट्ठा करके मूर्ख न बनो, वरन् स्वर्ग में धन इकट्ठा करके बुद्धिमान बनो। लूका 12:16-21 Don't Be A Fool And Gather Riches On The Earth, But Be Wise And Gather Riches In Heaven. Luke 12:16-21 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ / margsatyajeevan / margsatyajeevann https://anchor.fm/margsatyajeevan
Luke 8:4-15 बीज बोने वाले और भूमियों का दृष्टान्त।
परमेश्वर के वचन के प्रति हमारा प्रतिउत्तर हमारे हृदय की वास्तविक स्थिति को दर्शाता है।
लूका 8:4-15
Our Response To God's Word Exposes The Real Condition Of Our Hearts.
Luke 8:4-15
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Luke 6:46-49 चट्टान पर व भूमि पर घर बनाने वाले का दृष्टान्त।
अनन्त सुरक्षा हेतु, यीशु को केवल शब्दों में नहीं किन्तु कार्यों में भी प्रभु जानो। लूका 6:46-49 Acknowledge Jesus As Lord, Not Just In Words But In Deeds Too For Eternal Security. Luke 6:46-49 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #sermononluke5:46-49 #parables #whatsappstatus https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Luke 5:36-39 नये पैबन्द और नई दाखरस का दृष्टान्त।
यीशु के पास पूरे सर्मपण के साथ आओ, आधे अधूरे मन से नहीं। लूका 5:36-39 Come to Jesus in total surrender, not halfheartedly, and not with a life of compromise. Luke 5:36-39 #broharshitsingh #msj #sermon on luke 5:36-39 #parables #totalsurrendertoJesus#margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
विश्वासियो, परमेश्वर की लेपालक सन्तान के सदृश जीवन जियो।
परमेश्वर ने विश्वासियों को ख्रीष्ट में अपनी लेपालक सन्तान बनाया है, इसलिए परमेश्वर के बच्चों के सदृष्य जीवन जीएँ। गलातियों 4:4-5, इफिसियों 1:4-6, रोमियों 8:15-17 God Has Adopted Believers In Christ, Therefore Live As God's Children. Galatians 4:4-5, Ephesians 1:4-6, Romans 8:15-17 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #msj #adoption #election #romans #ephesians1 #galatians https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
1 Peter 5:5-14 विश्वासियो, नम्रतापूर्वक प्रभु के अनुग्रह द्वारा अन्त तक दृढ़ बने रहो।
विश्वासियो, नम्रतापूर्वक प्रभु के अनुग्रह द्वारा अन्त तक दृढ़ बने रहो। 1 पतरस 5:5-14 Believers, Be Firm Till The End In Humility By The Grace Of God. 1 Peter 5:5-14 1. नम्रता से एक दूसरे के अधीन रहो। 2. विरोध के मध्य में अन्त तक दृढ़ रहो। 3. ख्रीष्टीय के सम्बन्धों में निवेश करो। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan विश्वासीगण परमेश्वर की अपार दया के लिए उसकी स्तुति करते हैं। https://youtu.be/citdOx520E0 विश्वासी अपने विश्वास के परखे जाने पर आनन्द मनाते हैं क्योंकि उसका परिणाम उद्धार होता है। https://youtu.be/ONfLki819k4 विश्वासी अपने उद्धार के सौभाग्य को समझते हैं इसलिए वे पवित्रता का पीछा करेगें। https://youtu.be/TOcA8yPV3wA विश्वासी लोग अपना जीवन आने वाले न्याय के भय में जीएंगे। https://youtu.be/auWgcX9uz4U विश्वासियों को परमेश्वर की आराधना करनी चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें जीवित पत्थर यीशु के कारण अपनी प्रजा बनाया है। https://youtu.be/uEa0rD8_-90 विश्वासियों का चाल-चलन अविश्वासियों के मध्य में परमेश्वर की महिमा के लिए उत्तम होना चाहिए। https://youtu.be/mis6Y_qddfw विश्वासियों को अपने विवाह में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/_fuYsRbKLRo विश्वासियों को अपने सारे सम्बन्धों में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/Lthup0x0Mic विश्वासीगण दुःख में ख्रीष्ट का अनुसरण करते हुए, अपना जीवन आने वाले न्याय के प्रकाश में व्यतीत करते हैं। https://youtu.be/MXI7kfKm694 न्याय निकट है इसलिए परमेश्वर की महिमा के लिए बुद्धिमानी से जियो। https://youtu.be/LxySOky7LCE विश्वासियो, अपने दुःखों में आनन्द मनाओ, क्योंकि न्याय आ रहा है। https://youtu.be/KMSIoz9XA70
1 Peter 5:1-4 विश्वासियो, अपने अगुवों को प्रोत्साहित करो कि वे अजर महिमा का मुकुट पाने के लिए सेवा करें।
विश्वासियो, अपने अगुवों को प्रोत्साहित करो कि वे अजर महिमा का मुकुट पाने के लिए सेवा करें। 1 पतरस 5:1-4 Believers, Encourage Your Elders To Serve In Order To Receive The Unfading Crown Of Glory. 1 Peter 5:1-4 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan विश्वासीगण परमेश्वर की अपार दया के लिए उसकी स्तुति करते हैं। https://youtu.be/citdOx520E0 विश्वासी अपने विश्वास के परखे जाने पर आनन्द मनाते हैं क्योंकि उसका परिणाम उद्धार होता है। https://youtu.be/ONfLki819k4 विश्वासी अपने उद्धार के सौभाग्य को समझते हैं इसलिए वे पवित्रता का पीछा करेगें। https://youtu.be/TOcA8yPV3wA विश्वासी लोग अपना जीवन आने वाले न्याय के भय में जीएंगे। https://youtu.be/auWgcX9uz4U विश्वासियों को परमेश्वर की आराधना करनी चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें जीवित पत्थर यीशु के कारण अपनी प्रजा बनाया है। https://youtu.be/uEa0rD8_-90 विश्वासियों का चाल-चलन अविश्वासियों के मध्य में परमेश्वर की महिमा के लिए उत्तम होना चाहिए। https://youtu.be/mis6Y_qddfw विश्वासियों को अपने विवाह में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/_fuYsRbKLRo विश्वासियों को अपने सारे सम्बन्धों में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/Lthup0x0Mic विश्वासीगण दुःख में ख्रीष्ट का अनुसरण करते हुए, अपना जीवन आने वाले न्याय के प्रकाश में व्यतीत करते हैं। https://youtu.be/MXI7kfKm694 न्याय निकट है इसलिए परमेश्वर की महिमा के लिए बुद्धिमानी से जियो। https://youtu.be/LxySOky7LCE
Psalm 75:1-10 परमेश्वर धार्मिकता से न्याय करता है।
परमेश्वर सब लोगों का धार्मिकता से न्याय करता है, इसलिए नम्र होकर उसके न्याय पर भरोसा रखें। भजन संहिता 75:1-10 God Judges All People With Righteousness, Therefore Humbly Trust In His Judgement. Psalm 75:1-10 1.परमेश्वर सदैव हमारे साथ रहता है इसलिए उसको धन्यवाद दें। 2.परमेश्वर के न्याय से बचने के लिए स्वयं को उसके सामने दीन करें। 3.परमेश्वर के सच्चे न्याय के कारण उसका गुणगान करें। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/MjnJoHO8rxs
Psalm 74:1-23 विश्वासयोग्य परमेश्वर के पास अपने विलाप को लाना एक भली बात है।
परमेश्वर विश्वासयोग्य है, इसलिए अपने विलाप में उसे पुकारो और उसके न्याय पर भरोसा रखो। भजन संहिता 74:1-23 God Is Faithful, Therefore Cry Out To Him In Your Lament And Trust In His Justice psalm 74:1-23 1. विश्वासयोग्य परमेश्वर अपने लोगों के विलाप को सुनता है। 2. विश्वासयोग्य परमेश्वर अपनी वाचा के अनुसार कार्य करता है। 3. विश्वासयोग्य परमेश्वर उसके विरोधियों का न्याय करता है। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Psalm 73:1-28 विश्वासी लोग ईर्ष्या नहीं करते हैं, क्योंकि हमारे पास परमेश्वर है।
विश्वासी लोग ईर्ष्या नहीं करते हैं, क्योंकि हमारे पास परमेश्वर है। भजन संहिता 73:1-28 Believers Do Not Envy, Because We Have God. Psalm 73:1-28 1. इस संसार के धन के प्रति ईर्ष्या करना विश्वासियों के लिए मूर्खता है। 2. विश्वासी लोग धन्य है क्योंकि हमारे पास परमेश्वर है। #margsatyajeevan#मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Psalm 72:1-20 परमेश्वर का धर्मी राजा, संसार में सदैव धार्मिकता से राज्य करेगा।
परमेश्वर का धर्मी राजा, संसार में सदैव धार्मिकता से राज्य करेगा। भजन संहिता 72:1-20 God's Righteous King Will Reign Over The World Forever In Righteousness. Psalm 72:1-20 1. परमेश्वर उसको अपनी धार्मिकता और न्याय प्रदान करेगा। 2. परमेश्वर उसके राज्य को सदा सर्वदा के लिए समृद्ध बनाएगा। 3. परमेश्वर उसके राज्य को संसार भर में फैलाएगा। 4. जिससे कि सारी पृथ्वी परमेश्वर की महिमा से भर जाए। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #msj #Psalm https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Psalm 71:1-24 परमेश्वर धर्मी है, इसलिए संकट के समय उसकी शरण में आओ और उसकी स्तुति करो।
परमेश्वर धर्मी है, इसलिए संकट के समय उसकी शरण में आओ और उसकी स्तुति करो। भजन संहिता 71:1-24 God is Righteous, therefore take refuge in Him and praise Him in times of trouble. psalm 71:1-24 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
https://youtu.be/UDvHbGzDroU
Psalm 70:1-5 नम्र होकर अपने सहायक परमेश्वर से प्रार्थना करें।
परमेश्वर हमारा सहायक है, इसलिए नम्र होकर उससे प्रार्थना करें। भजन संहिता 70:1-5 God Is Our Helper, Therefore Pray To Him Humbly. Psalm 70:1-5 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Luke 2:21-40 यीशु ही मसीहा है, जिसने अपने लोगों के छुटकारे के लिए जन्म लिया है।
यीशु ही मसीहा है, जिसने अपने लोगों के छुटकारे के लिए जन्म लिया है। लूका 2:21-40 Jesus is the Messiah who was born to deliver his people. Luke 2:21-40 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
https://youtu.be/uslbjGL39ig
Luke 2:1-20 यीशु का जन्म विश्वासियों के लिए आनन्द का सुसमाचार है।
यीशु का जन्म विश्वासियों के लिए आनन्द का सुसमाचार है। लूका 2:1-20 Jesus' Birth Is Good News Of Joy For Believers. Luke 2:1-20 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
https://youtu.be/VJP-2O2kCFs
क्रिसमस क्या है?
क्रिसमस क्या है? What Is Christmas? #christmas #jesus #broharshitsingh #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Luke 1:1-80 परमेश्वर अपने लोगों पर दया दिखाता है यूहन्ना को भेजने के द्वारा, जो यीशु का मार्ग तैयार करता है।
परमेश्वर अपने लोगों पर दया दिखाता है यूहन्ना को भेजने के द्वारा, जो यीशु का मार्ग तैयार करता है। लूका 1:1-80 God Shows Mercy To His People By Sending John Who Prepares The Way For Jesus. Luke 1:1-80 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel #Luke #लूका https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
1 Peter 4:12-19 विश्वासियो, अपने दुःखों में आनन्द मनाओ, क्योंकि न्याय आ रहा है।
विश्वासियो, अपने दुःखों में आनन्द मनाओ, क्योंकि न्याय आ रहा है। 1 पतरस 4;12-19 Believers, Rejoice In Your Suffering Because Judgement Is Coming. 1 Peter 4;12-19 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan विश्वासीगण परमेश्वर की अपार दया के लिए उसकी स्तुति करते हैं। https://youtu.be/citdOx520E0 विश्वासी अपने विश्वास के परखे जाने पर आनन्द मनाते हैं क्योंकि उसका परिणाम उद्धार होता है। https://youtu.be/ONfLki819k4 विश्वासी अपने उद्धार के सौभाग्य को समझते हैं इसलिए वे पवित्रता का पीछा करेगें। https://youtu.be/TOcA8yPV3wA विश्वासी लोग अपना जीवन आने वाले न्याय के भय में जीएंगे। https://youtu.be/auWgcX9uz4U विश्वासियों को परमेश्वर की आराधना करनी चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें जीवित पत्थर यीशु के कारण अपनी प्रजा बनाया है। https://youtu.be/uEa0rD8_-90 विश्वासियों का चाल-चलन अविश्वासियों के मध्य में परमेश्वर की महिमा के लिए उत्तम होना चाहिए। https://youtu.be/mis6Y_qddfw विश्वासियों को अपने विवाह में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/_fuYsRbKLRo विश्वासियों को अपने सारे सम्बन्धों में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/Lthup0x0Mic विश्वासीगण दुःख में ख्रीष्ट का अनुसरण करते हुए, अपना जीवन आने वाले न्याय के प्रकाश में व्यतीत करते हैं। https://youtu.be/MXI7kfKm694 न्याय निकट है इसलिए परमेश्वर की महिमा के लिए बुद्धिमानी से जियो। https://youtu.be/LxySOky7LCE
1 Peter 4:7-11 न्याय निकट है, इसलिए परमेश्वर की महिमा के लिए बुद्धिमानी से जियो।
न्याय निकट है इसलिए परमेश्वर की महिमा के लिए बुद्धिमानी से जियो। 1 पतरस 4:7-11 Judgement Is Near, Therefore Live Wisely For The Glory Of God. 1 Peter 4:7-11 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel 1 Peter 2:4-10 https://youtu.be/uEa0rD8_-90 https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan विश्वासीगण परमेश्वर की अपार दया के लिए उसकी स्तुति करते हैं। https://youtu.be/citdOx520E0 विश्वासी अपने विश्वास के परखे जाने पर आनन्द मनाते हैं क्योंकि उसका परिणाम उद्धार होता है। https://youtu.be/ONfLki819k4 विश्वासी अपने उद्धार के सौभाग्य को समझते हैं इसलिए वे पवित्रता का पीछा करेगें। https://youtu.be/TOcA8yPV3wA विश्वासी लोग अपना जीवन आने वाले न्याय के भय में जीएंगे। https://youtu.be/auWgcX9uz4U विश्वासियों को परमेश्वर की आराधना करनी चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें जीवित पत्थर यीशु के कारण अपनी प्रजा बनाया है। https://youtu.be/uEa0rD8_-90 विश्वासियों का चाल-चलन अविश्वासियों के मध्य में परमेश्वर की महिमा के लिए उत्तम होना चाहिए। https://youtu.be/mis6Y_qddfw विश्वासियों को अपने विवाह में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/_fuYsRbKLRo विश्वासियों को अपने सारे सम्बन्धों में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/Lthup0x0Mic विश्वासीगण दुःख में ख्रीष्ट का अनुसरण करते हुए, अपना जीवन आने वाले न्याय के प्रकाश में व्यतीत करते हैं। https://youtu.be/MXI7kfKm694
James 1:12-19 परमेश्वर विश्वासियों को अच्छी चीज़ें उदारता से देता है।
विश्वासियों को यह सोचकर धोखा नहीं खाना चाहिए कि परमेश्वर उन्हें प्रलोभित करता है, क्योंकि परमेश्वर विश्वासियों को अच्छी चीज़ें उदारता से देता है। याकूब 1:12-19 Believers Should Not Be Deceived Into Thinking That God Tempts Them Because God Gives Believers Good Things Generously. James 1:12-19 https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
https://youtu.be/UtdzgpbTN8o
ख्रीष्टियों को बाइबल क्यों पढ़ना चाहिए?
ख्रीष्टियों को बाइबल क्यों पढ़ना चाहिए? Why Should Christians Read The Bible? #मार्गसत्यजीवन #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #msj #goodfriday #easter #resurrection #crucifixión #gospel #sin #broharshitsingh #msj #margsatyajeevan https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/yqM17HhIuoY
Psalm 69:1-36 परमेश्वर की करुणा भली है, इसलिए समस्या के समय में उसको पकारें।
परमेश्वर की करुणा भली है, इसलिए समस्या के समय में उसको पकारें। भजन संहिता 69:1-36 God's steadfast love is good, therefore cry out to him in times of trouble. Psalm 69:1-36 1-12 परमेश्वर की करुणा के कारण हम उसे अपनी समस्याएँ बता सकते हैं। 13-29 परमेश्वर की करुणा के कारण हम उससे विनती कर सकते हैं। 30-37 परमेश्वर की करुणा के कारण हम उसकी स्तुति कर सकते हैं। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
Psalm 68:1-35 परमेश्वर हमारा उद्धार है और इसी कारण हम उसकी स्तुति करने के लिए बुलाए गए है।
परमेश्वर हमारा उद्धार है और इसी कारण हम उसकी स्तुति करने के लिए बुलाए गए है। भजन संहिता 68:1-35 God Is Our Salvation And Thus We Are Called To Worship Him. Psalm 68:1-35 1. परमेश्वर हमारा उद्धार है। 2. उद्धार का लक्ष्य - परमेश्वर की स्तुति करना। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
1 Peter 3:18-4:6 विश्वासीगण दुःख में ख्रीष्ट का अनुसरण करते हुए, अपना जीवन आने वाले न्याय के प्रकाश में व्यतीत करते हैं।
विश्वासीगण दुःख में ख्रीष्ट का अनुसरण करते हुए, अपना जीवन आने वाले न्याय के प्रकाश में व्यतीत करते हैं। 1 पतरस 3:18-4:6 Believers Emulate Christ In Suffering And Live Their Lives In The Light Of The Coming Judgment. 1 Peter 3:18-4:6 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel 1 Peter 2:4-10 https://youtu.be/uEa0rD8_-90 https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan विश्वासीगण परमेश्वर की अपार दया के लिए उसकी स्तुति करते हैं। https://youtu.be/citdOx520E0 विश्वासी अपने विश्वास के परखे जाने पर आनन्द मनाते हैं क्योंकि उसका परिणाम उद्धार होता है। https://youtu.be/ONfLki819k4 विश्वासी अपने उद्धार के सौभाग्य को समझते हैं इसलिए वे पवित्रता का पीछा करेगें। https://youtu.be/TOcA8yPV3wA विश्वासी लोग अपना जीवन आने वाले न्याय के भय में जीएंगे। https://youtu.be/auWgcX9uz4U विश्वासियों को परमेश्वर की आराधना करनी चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें जीवित पत्थर यीशु के कारण अपनी प्रजा बनाया है। https://youtu.be/uEa0rD8_-90 विश्वासियों का चाल-चलन अविश्वासियों के मध्य में परमेश्वर की महिमा के लिए उत्तम होना चाहिए। https://youtu.be/mis6Y_qddfw विश्वासियों को अपने विवाह में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/_fuYsRbKLRo विश्वासियों को अपने सारे सम्बन्धों में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। https://youtu.be/Lthup0x0Mic
1 Peter 3:8-17 विश्वासियों को अपने सारे सम्बन्धों में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए।
विश्वासियों को अपने सारे सम्बन्धों में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। 1 पतरस 3:8-17 Believers Must Glorify God In All Their Relationships. 1 Peter 3:8-17 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel 1 Peter 2:4-10 https://youtu.be/uEa0rD8_-90 https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/citdOx520E0 https://youtu.be/ONfLki819k4 https://youtu.be/TOcA8yPV3wA https://youtu.be/auWgcX9uz4U https://youtu.be/uEa0rD8_-90 https://youtu.be/mis6Y_qddfw
Psalm 67:1-7 परमेश्वर की प्रभुता समस्त पृथ्वी पर है।
परमेश्वर समस्त पृथ्वी का राजा है, इसलिए आनंदपूर्वक उसकी स्तुति करो। भजन संहिता 67:1-7 God is King over all the Earth, Therefore Praise Him Joyfully Psalm 67:1-7 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #msj #psalms https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/4pElDk_-du0
1 Peter 3:1-7 विश्वासियों को अपने विवाह में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए।
विश्वासियों को अपने विवाह में परमेश्वर की महिमा करनी चाहिए। 1 पतरस 3:1-7 Believers Must Glorify God in Their Marriage. 1 Peter 3:1-7 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 #israel 1 Peter 2:4-10 https://youtu.be/uEa0rD8_-90 https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/citdOx520E0 https://youtu.be/ONfLki819k4 https://youtu.be/TOcA8yPV3wA https://youtu.be/auWgcX9uz4U https://youtu.be/uEa0rD8_-90 https://youtu.be/mis6Y_qddfw
1 Peter 2:11-25 विश्वासियों का चाल-चलन अविश्वासियों के मध्य में परमेश्वर की महिमा के लिए उत्तम होना चाहिए।
विश्वासियों का चाल-चलन अविश्वासियों के मध्य में परमेश्वर की महिमा के लिए उत्तम होना चाहिए। 1पतरस 2:11-25 Believers' conduct among unbelievers must be honorable and above reproach for the glory of God. 1 Peter 2:11-25 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 1 Peter 2:4-10 https://youtu.be/uEa0rD8_-90 https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/citdOx520E0 https://youtu.be/ONfLki819k4 https://youtu.be/TOcA8yPV3wA https://youtu.be/auWgcX9uz4U https://youtu.be/uEa0rD8_-90
अनन्त मृत्यु क्या है?
अनन्त मृत्यु क्या है? What is Eternal Death? #hell #Death #Narak #Mrityu #AnantJeevan #Harshitsingh #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #msj #goodfriday #easter #resurrection #crucifixión #gospel #broharshitsingh https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/yqM17HhIuoY
1 Peter 2:4-10 विश्वासियों को परमेश्वर की आराधना करनी चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें जीवित पत्थर यीशु के कारण अपनी प्रजा बनाया है।
विश्वासियों को परमेश्वर की आराधना करनी चाहिए, क्योंकि उसने उन्हें जीवित पत्थर यीशु के कारण अपनी प्रजा बनाया है। 1 पतरस 2:4-10 Believers must worship God for making them his people because of the living stone Jesus Christ 1 Peter 2:4-10 1. हम जीवित पत्थर यीशु के कारण परमेश्वर को ग्रहणयोग्य है। 2. हम जीवित पत्थर यीशु के कारण परमेश्वर प्रजा है। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 1 Peter 1:1-5 https://www.youtube.com/watch?v=citdOx520E https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/citdOx520E0 https://youtu.be/ONfLki819k4 https://youtu.be/TOcA8yPV3wA https://youtu.be/auWgcX9uz4U
1 Peter 1:17-2:3 विश्वासी लोग अपना जीवन आने वाले न्याय के भय में जीएंगे।
विश्वासी लोग अपना जीवन आने वाले न्याय के भय में जीएंगे। 1 पतरस 1:17-2:3 Believers will live their lives in the fear of the coming judgment 1 Peter 1:17-2:3 1. वे पवित्रता का पीछा करेंगे। 2. वे भात्र-प्रेम का पीछा करेंगे। 3. वे आत्मिक परिपक्वता का पीछा करेंगे। #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #brotharshitsingh #msj #peter #1peter1 https://www.youtube.com/watch?v=citdOx520E https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
1 Peter 1:10-16 विश्वासी अपने उद्धार के सौभाग्य को समझते हैं इसलिए वे पवित्रता का पीछा करेगें।
विश्वासी अपने उद्धार के सौभाग्य को समझते हैं इसलिए वे पवित्रता का पीछा करेगें। 1 पतरस 1:10-16 Believers Recognise The Privilege Of Their Salvation And Therefore They Will Pursue Holiness. 1 पतरस 1:10-16 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 1 Peter 1:1-5 https://www.youtube.com/watch?v=citdOx520E https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
1 Peter 1:6-9 विश्वासी अपने उद्धार के कारण दुःखों के मध्य आनन्द मनाते हैं।
विश्वासी अपने विश्वास के परखे जाने पर आनन्द मनाते हैं क्योंकि उसका परिणाम उद्धार होता है। 1 पतरस 1:6-9 Believers Rejoice When Their Faith Is Tested Because Its Outcome Is Salvation. 1 Peter 1:6-9 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #peter #1peter1 1 Peter 1:1-5 https://www.youtube.com/watch?v=citdOx520E https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/citdOx520E0
1 Peter 1:1-6 विश्वासीगण परमेश्वर की अपार दया के लिए उसकी स्तुति करते हैं।
विश्वासीगण परमेश्वर की अपार दया के लिए उसकी स्तुति करते हैं। 1 पतरस 1:1-6 Believers Praise God for His Great Mercy. 1 Peter 1:1-6 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #1Peter #salvation #believers https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan
https://youtu.be/citdOx520E0
ख्रीष्टियों की सबसे बड़ी आशा क्या है?
ख्रीष्टियों की सबसे बड़ी आशा क्या है? What is the Greatest Hope of Christians? #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #msj #goodfriday #easter #resurrection #crucifixión #gospel #broharshitsingh https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/yqM17HhIuoY
उत्पत्ति 10:1-11:32 यहोवा अपने लोगों को बचाने हेतु सब राष्ट्रों पर राज्य करता है।
यहोवा संप्रभुता में सम्पूर्ण राष्ट्रों पर राज्य करता है अपने लोगों का उद्धार करने के लिए। उत्पत्ति 10:1-11:32 Yahweh Sovereignly Rules Over All Nations To Bring About Salvation For His People. Genesis 10:1-11:32 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/mpZIhvOH6G0 https://youtu.be/7JzLAURxo7I https://youtu.be/mpBBYTmPJXk https://youtu.be/efmY9cdpS4Q https://youtu.be/zEZ2649CYww https://youtu.be/L3TkZERGhK8 https://youtu.be/wQJXotfatRA
उत्पत्ति 8;20-9;29 बिना परमेश्वर के अनुग्रह के, मनुष्य की धार्मिकता सदा परमेश्वर के स्तर से कम पायी जायेगी।
बिना परमेश्वर के अनुग्रह के मनुष्य की धार्मिकता सदा परमेश्वर के स्तर से कम पायी जायेगी। उत्पत्ति 8:20-9:29 Without God's Grace Man's Righteousness Will Always Fall Short Of God's Standards. Genesis 8:20-9:29 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/mpZIhvOH6G0 https://youtu.be/7JzLAURxo7I https://youtu.be/mpBBYTmPJXk https://youtu.be/efmY9cdpS4Q https://youtu.be/zEZ2649CYww https://youtu.be/L3TkZERGhK8
Genesis 6:9-8:19 परमेश्वर दुष्टों का न्याय करता है परन्तु धर्मियों को बचाता है।
परमेश्वर दुष्टों का न्याय करता है परन्तु धर्मियों को बचाता है। उत्पत्ति 6:9-8:19 God Judges The Wicked But Rescues The Righteous. Genesis 6:9-8:19 #margsatyajeevan #मार्गसत्यजीवन #broharshitsingh #msj #gospel #genesis #god #genesis #worship #sin #rebellion #creator https://margsatyajeevan.com/ https://www.instagram.com/margsatyajeevan/ https://www.facebook.com/margsatyajeevann/ https://anchor.fm/margsatyajeevan https://youtu.be/mpZIhvOH6G0 https://youtu.be/7JzLAURxo7I https://youtu.be/mpBBYTmPJXk https://youtu.be/efmY9cdpS4Q https://youtu.be/zEZ2649CYww
पाँच कारण कि मरना लाभ है
क्योंकि मेरे लिए जीवित रहना तो ख्रीष्ट, और मरना लाभ है। (फिलिप्पियों 1:21)
मरना “लाभ” कैसे है?
1) हमारी आत्माएँ सिद्ध की जाएँगी (इब्रानियों 12:22-23)।
परन्तु तुम तो सिय्योन पर्वत के और जीवित परमेश्वर के नगर स्वर्गीय यरूशलेम में तथा असंख्य स्वर्गदूतों के पास, और महासभा अर्थात् उन पहिलौठों की कलीसिया के समीप जिनके नाम स्वर्ग में लिखे हैं, और सब के न्यायाधीश परमेश्वर और सिद्ध किए हुए धर्मियों की आत्माओं की उपस्थिति में [आए हो]।
तब हम में कोई भी पाप नहीं रहेगा। हम आन्तरिक युद्ध और उस प्रभु को अपमानित करने की हृदयविदारक निराशाओं से छुटकारा पा लेंगे, जिसने हमसे प्रेम किया और हमारे लिए स्वयं को दे दिया।
2) हम इस संसार की पीड़ा से मुक्त हो जाएँगे (लूका 16:24-25)।
पुनरुत्थान का आनन्द अभी हमारा नहीं होगा, परन्तु हमें पीड़ा से मुक्ति का आनन्द होगा। यीशु मृत्यु के समय में होने वाले उस महान उलटफेर को दिखाने के लिए लाजर और धनी पुरुष की कहानी सुनाता है।
“तब [धनी पुरुष] ने पुकार कर कहा, ‘हे पिता अब्राहम, मुझ पर दया कर। लाजर को भेज कि वह अपनी उंगली का सिरा पानी में डुबोकर मेरी जीभ को ठण्डा करें, क्योंकि मैं इस ज्वाला में पड़ा तड़प रहा हूँ।’ परन्तु अब्राहम ने कहा, ‘हे पुत्र, स्मरण कर कि तू अपने जीवन में सब अच्छी वस्तुएँ प्राप्त कर चुका है और इसी प्रकार लाजर बुरी वस्तुएँ; पर अब वह यहाँ शान्ति पा रहा है और तू पीड़ा में पड़ा तड़प रहा है।”
3) हमें अपने प्राणों में गहन विश्राम दिया जाएगा (प्रकाशितवाक्य 6:9-11)।
परमेश्वर की देखभाल में ऐसी शान्ति होगी जो कि हमने अपने सबसे सुखद क्षणों में सर्वाधिक शान्तिपूर्ण झील के किनारे, गर्मियों की अत्यन्त सुखदायी शाम में जो कुछ भी जाना है, वह उससे कहीं अधिक बढ़कर होगा।
तो मैंने वेदी के नीचे उनके प्राणों को देखा जो परमेश्वर के वचन तथा उसकी निरन्तर साक्षी के कारण वध किए गए थे। वे उच्च स्वर से पुकार कर कह रहे थे, “हे पवित्र और सच्चे प्रभु, तू कब तक न्याय न करेगा? तथा कब तक पृथ्वी के निवासियों से हमारे रक्त का प्रतिशोध न लेगा?” उनमें से प्रत्येक को श्वेत चोगा दिया गया, और उनसे कहा गया, थोड़ी देर तक और विश्राम करो।
4) हम ऐसा गहन अनुभव करेंगे मानो कि हम घर आ गए हैं (2 कुरिन्थियों 5:8)।
अतः हम पूर्णतः साहस रखते हैं तथा देह से अलग होकर प्रभु के साथ रहना और भी उत्तम समझते हैं।
सम्पूर्ण मानव जाति यद्यपि इस बात से अनभिज्ञ है किन्तु वह परमेश्वर के पास वापस अपने घर जाने के लिए उत्सुक है। जब हम ख्रीष्ट के पास घर जाते हैं, तो वहाँ पर एक ऐसी सन्तुष्टि होगी जो हमारे द्वारा अनुभव की गई किसी भी सुरक्षा और शान्ति की भावना से परे है।
5) हम ख्रीष्ट के साथ होंगे (फिलिप्पियों 1:21-23)।
ख्रीष्ट पृथ्वी पर किसी भी व्यक्ति से अधिक अद्भुत है। वह उन सब से अधिक बुद्धिमान, सामर्थी और दयालु है जिनके साथ आपको समय व्यतीत करना अच्छा लगता है। वह असीम रूप से रोचक है। वह ठीक-ठीक जानता है कि अपने अतिथियों को जितना सम्भव हो सके उतना हर्षित करने के लिए हर क्षण उसे क्या करना और क्या कहना चाहिए। उसका प्रेम और उसकी असीम अन्तर्दृष्टि इस बात में उमण्डती है कि वह अपने प्रियजनों को प्रेम की अनुभूति कराने के लिए उस प्रेम का उपयोग कैसे करे। इसलिए पौलुस ने कहा,
क्योंकि मेरे लिए जीवित रहना तो ख्रीष्ट, और मरना लाभ है। परन्तु यदि सदेह जीवित रहूँ तो इसका अर्थ मेरे लिए फलदायी परिश्रम है; परन्तु मैं किस बात को चुनूँ, यह नहीं जानता। मैं इन दोनों के बीच असमञ्जस में पड़ा हूँ। मेरी लालसा तो यह है कि कूच करके ख्रीष्ट के पास जा रहूँ, क्योंकि यह अति उत्तम है।
मृत्यु का पूर्वाभ्यास
तू उन्हें बाढ़ की भाँति बहा देता है; वे नींद के झोंके या भोर को उगने वाली घास के समान होते हैं: वह भोर को लहलहाती और बढ़ती है, परन्तु साँझ को मुर्झाकर सूख जाती है . . . अतः हमको अपने दिन गिनना सिखा कि हम बुद्धि से भरा मन पाएँ। (भजन 90:5-6,12)
मेरे लिए, वर्ष का अन्त मेरे जीवन के अन्त के समान होता है। और 31 दिसम्बर को रात में 11:59 का समय मेरी मृत्यु के क्षण के समान होता है।
वर्ष के 365 दिन एक लघु जीवनकाल के समान होते हैं। और ये अन्तिम घण्टे मानो अस्पताल के उन अन्तिम दिनों के समान हैं जब डॉक्टर ने मुझे बताया हो कि मेरा अन्त बहुत ही निकट है। और इन अन्तिम घण्टों में, इस वर्ष का जीवनकाल मानो मेरी आँखों के सामने से बीत कर चला जाता है, और फिर मैं इस अपरिहार्य प्रश्न का सामना करता हूँ कि: क्या मैंने अपना जीवन अच्छी रीति से जिया? क्या यीशु ख्रीष्ट जो धर्मी न्यायी है, कहेगा, “शाबाश, हे अच्छे और विश्वासयोग्य दास” (मत्ती 25:21)?
मैं बहुत ही सौभाग्शाली हूँ कि मेरा वर्ष इस रीति से समाप्त होता है। और मेरी प्रार्थना है कि वर्ष के अन्त का महत्व आपके लिए भी ऐसा ही हो।
मैं अपने आप को सौभाग्यशाली इसलिए अनुभव करता हूँ क्योंकि स्वयं के मरण पर पूर्व-परीक्षण करना अत्याधिक फलदायक है। वर्ष में एक बार अपने जीवन के अन्तिम दृश्य की तैयारी का करना अत्यन्त लाभकारी है। यह अत्यन्त लाभकारी इसलिए है क्योंकि 1 जनवरी की सुबह एक नए जीवनकाल के कगार पर, फिर से नई रीति से आरम्भ करने के लिए हममें से अधिकाँश लोग अभी भी जीवित होंगे।
पूर्वाभ्यासों की अच्छी बात यह होती है कि वह आपको दिखाते हैं कि आप कहाँ पर दुर्बल हैं, आप तैयारी में कहाँ चूक गए थे; और इस कारण वह आपको वास्तविक श्रोताओं के सामने होने वाले वास्तविक कार्यक्रम से पूर्व परिवर्तिन करने का कुछ समय प्रदान करते हैं।
मेरा मानना है कि आप में से कुछ लोगों के लिए मृत्यु का विचार इतना घिनौना, इतना विषादपूर्ण, इतना दुःख और पीड़ा से भरा हुआ है कि आप इसे अपने मन से बाहर रखने का पूरा प्रयास करते हैं, विशेषकर छुट्टियों के समय। मेरे विचारानुसार यह मूर्खता है और आप स्वयं को बहुत हानि पहुँचा रहे हैं। मैंने इस बात को पाया है कि मेरे स्वयं के जीवन के लिए कुछ ही बातें है जो इस बात से अधिक जीवन परिवर्तित करने वाली होती हैं कि मैं समय-समय पर अपनी मृत्यु के बारे में विचार करूँ।
आपको बुद्धि से भरा हुआ हृदय कैसे मिलेगा जिससे कि आप जान सकें कि सर्वोत्तम जीवन कैसे जीना है? भजनकार के उत्तर ये हैं:
तू उन्हें बाढ़ की भाँति बहा देता है; वे नींद के झोंके या भोर को उगने वाली घास के समान होते हैं: वह भोर को लहलहाती और बढ़ती है, परन्तु साँझ को मुर्झाकर सूख जाती है… अतः हमको अपने दिन गिनना सिखा कि हम बुद्धि से भरा मन पाएँ। (भजन 90:5-6,12)
अपने दिन गिनने का साधारण सा अर्थ है इस बात को स्मरण रखना कि आपका जीवन क्षणिक है और आपकी मृत्यु शीघ्र ही होगी। महान् बुद्धि — अर्थात् महान्, जीवन परिवर्तन करने वाली बुद्धि — इन बातों के विषय में समय-समय पर विचार करने से आती है।
सफलता की कसौटी, जिससे पौलुस स्वयं के जीवन का अवलोकन करता था, वह यह थी कि क्या उसने विश्वास की रक्षा की है या नहीं। “मैं अच्छी कुश्ती लड़ चुका हूँ, मैंने विश्वास की रक्षा की है। भविष्य में मेरे लिए धार्मिकता का मुकुट रखा हुआ है, जिसे प्रभु जो धार्मिकता से न्याय करने वाला है उस दिन मुझे प्रदान करेगा, और न केवल मुझे वरन् उन सब को भी जो उसके प्रकट होने को प्रिय जानते हैं” (2 तीमुथियुस 4:7-8)। हम इस वर्ष की समाप्ति पर इसे अपना परीक्षण होने दें।
और यदि हम पाते हैं कि हमने इस बीते वर्ष में विश्वास की रक्षा नहीं की है, तो हम आनन्दित हो सकते हैं, जैसा कि मैं स्वयं भी होता हूँ, कि इस वर्षान्त की यह मृत्यु (सम्भवतः) केवल एक पूर्वाभ्यास (rehearsal) है, और आने वाले वर्ष में सम्भावित विश्वास की रक्षा करने के लिए पूरा जीवन सामने पड़ा है।
तैयार और सशक्त किए गए
अब शान्तिदाता परमेश्वर जिसने भेड़ों के महान् रखवाले प्रभु यीशु को सनातन वाचा के लहू द्वारा मृतकों में से जीवित कर दिया, तुम्हें सब भले गुणों से परिपूर्ण करे, जिस से तुम उसकी इच्छा पूरी करो, और जो कुछ उसकी दृष्टि में प्रिय है, वह यीशु ख्रीष्ट के द्वारा हमारे अन्दर पूरा करे। उसी की महिमा युगानुयुग होती रहे। आमीन। (इब्रानियों 13:20-31)
ख्रीष्ट ने अनन्त वाचा के लहू को बहाया। इस सफल छुटकारे के द्वारा उसने मृतकों में से स्वयं के पुनरुत्थान की आशिष को प्राप्त किया। यह यूनानी भाषा में हिन्दी भाषा से अधिक स्पष्ट है, और यद्यपि यहाँ भी यह पर्याप्त रीति से स्पष्ट है: “परमेश्वर ने . . . प्रभु यीशु को सनातन वाचा के लहू द्वारा मृतकों में से पुनः जीवित ले आया है।” वह यीशु — जो वाचा के लहू द्वारा जीवित किया गया — अब हमारा जीवित प्रभु और चरवाहा है।
और इस सब के कारण, परमेश्वर दो कार्य करता है:
वह हमें सब भले गुणों से सुसज्जित करता है, जिस से हम उसकी इच्छा पूरी करें, और
वह अपनी दृष्टि में प्रिय बातों को हमारे अन्दर पूरा करता है।
यीशु के लहू द्वारा प्राप्त की गई “सनातन वाचा” नई वाचा है। और नई वाचा की प्रतिज्ञा यह है: “मैं अपनी व्यवस्था उनके मनों में डालूँगा और उसे उनके हृदयों पर लिखूँगा” (यिर्मयाह 31:33)।
इसलिए, इस वाचा का लहू न केवल परमेश्वर द्वारा उसकी इच्छा को पूरी करने हेतु हमारे सुसज्जित होने के कार्य को सुनिश्चित करता है, परन्तु हम में परमेश्वर के कार्य को भी सुनिश्चित करता है जिससे कि वह सुसज्जित करने का कार्य सफल हो सके।
परमेश्वर की इच्छा अनुग्रह के साधन के रूप में केवल किसी पत्थर या पत्र पर नहीं लिखी हुई है। यह तो हमारे अन्दर कार्य करती है। और इसका प्रभाव यह है: हम विभिन्न रीतियों से परमेश्वर को प्रसन्न करने के विषय में अनुभूति करते हैं, सोचते हैं और कार्य करते हैं।
हमें अभी भी आज्ञा मिली है कि हम उसके द्वारा हमें दिए गए संसाधनों का उपयोग करें: “डरते और काँपते हुए अपने उद्धार का काम पूरा करते जाओ।” परन्तु इससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें इसका कारण बताया जाता है: “क्योंकि स्वयं परमेश्वर अपनी सुइच्छा के लिए तुम्हारी इच्छा और कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए तुम में सक्रिय है” (फिलिप्पियों 2:12-13)।
यदि हम परमेश्वर को प्रसन्न करने में सक्षम हैं — यदि हम उसकी सुइच्छा को करते हैं — यह इसलिए है क्योंकि लहू द्वारा मोल लिए गए परमेश्वर के अनुग्रह के कारण हम न केवल सुसज्जित हो रहे हैं परन्तु हमें उसकी सर्वशक्ति द्वारा परिवर्तित किया जा रहा है।
हम सब को सहायता की आवश्यकता है
अतः हम साहस के साथ अनुग्रह के सिंहासन के निकट आएँ कि हम पर दया हो और अनुग्रह पाएँ कि आवश्यकता के समय हमारी सहायता हो। (इब्रानियों 4:16)
हम में से प्रत्येक जन को सहायता की आवश्यकता है। हम परमेश्वर नहीं हैं। हमारी आवश्यकताएँ हैं। हम में निर्बलताएँ हैं। हम भ्रमित होते हैं। हम में सब प्रकार की कमियाँ हैं। हमें सहायता की आवश्यकता है।
परन्तु हम से प्रत्येक के पास कुछ और भी है: हमारे पास पाप हैं। और इसलिए अपने हृदयों की गहराइयों में हम जानते हैं कि हम उस सहायता के योग्य नहीं हैं जिसकी हमें आवश्यकता है। और इसलिए हमें ऐसा प्रतीत होता है कि हम फँसे हुए हैं।
मुझे सहायता की आवश्यकता है अपना जीवन जीने के लिए, मृत्यु का सामना करने के लिए, और अनन्तता का सामना करने के लिए — मुझे सहायता की आवश्यकता है अपने परिवार के लिए, अपनी पत्नी के लिए, अपने बच्चों के लिए, अपने अकेलेपन के लिए, अपने कार्य के लिए, अपने स्वास्थ्य के लिए, अपने धन के लिए। परन्तु मैं उस सहायता के योग्य नहीं हूँ जिसकी मुझे आवश्यकता है।
तो मैं क्या कर सकता हूँ? मैं इन सबको नकारने का प्रयास कर सकता हूँ और स्वयं को एक ऐसा महानायक या महानायिका समझ सकता हूँ जिसे किसी प्रकार की सहायता की आवश्यकता नहीं है। या मैं सब कुछ को डुबोने का प्रयास कर सकता हूँ और अपने जीवन को कामुक सुखों के कुण्ड में डुबा सकता हूँ। या मैं हार मानकर निराशा के कारण लकवाग्रसित स्थिति में पड़ सकता हूँ।
परन्तु परमेश्वर इस आशाहीन परिस्थिति के लिए घोषणा करता है: यीशु ख्रीष्ट उस निराशा को आशा के द्वारा नाश करने के लिए, और उस महानायक या महानायिका को नम्र करने के लिए, और उस डूबने वाले अभागे को बचाने के लिए, एक महायाजक बना।
हाँ, हम सब को सहायता की आवश्यकता है। हाँ, हम में से कोई भी उस सहायता के योग्य नहीं है जिसकी हमें आवश्यकता है। परन्तु हमें निराशा और घमण्ड और कामुकता में नहीं पड़ जाना है। देखिए! परमेश्वर क्या कहता है। क्योंकि हमारे पास एक महान् महायाजक है, परमेश्वर का सिंहासन अनुग्रह का सिंहासन है। और उस अनुग्रह के सिंहासन से जो सहायता हमें प्राप्त होती है वह आवश्यकता के समय के लिए दया और अनुग्रह है। सहायता के लिए अनुग्रह! ऐसी सहायता नहीं जिसके हम योग्य हैं — किन्तु अनुग्रहकारी सहायता। इसीलिए तो महायाजक यीशु ख्रीष्ट ने अपना लहू बहाया है।
आप फँसे हुए नहीं हैं। उस झूठ का खण्डन करें। हमें सहायता की आवश्यकता है। हम इसके योग्य नहीं हैं। परन्तु हमें यह प्राप्त हो सकती है। आप इसे अभी और सर्वदा के लिए प्राप्त कर सकते हैं। यह आपको तब प्राप्त होगा यदि आप अपने महायाजक, परमेश्वर के पुत्र यीशु को ग्रहण करेंगे और उस पर भरोसा करेंगे, और उसके द्वारा परमेश्वर के निकट आएँगे।
आपका लक्ष्य क्या है?
आपका लक्ष्य क्या है?
जॉन पाइपर द्वारा भक्तिमय अध्ययन
चाहे तुम खाओ या पीओ या जो कुछ भी करो, सब परमेश्वर की महिमा के लिए करो . . .। वचन या कार्य से जो कुछ करो, सब प्रभु यीशु के नाम से करो और उसके द्वारा परमेश्वर पिता का धन्यवाद करो। (1 कुरिन्थियों 10:31; कुलुस्सियों 3:17)
जब आप सवेरे उठते हैं और नए दिन का सामना करते हैं तो आप अपने दिनभर की आशा के विषय में स्वयं से क्या कहते हैं? जब आप दिन के आरम्भ से लेकर दिन के अन्त को देखते हैं, तो आप क्या चाहते हैं कि किन बातों को पूरा हो जाना चाहिए था क्योंकि अब आप वह दिन व्यतीत कर चुके हैं?
यदि आप कहते हैं कि, “मैं तो ऐसा सोचता ही नहीं हूँ। मैं तो केवल उठता हूँ और वह करता हूँ जो मुझे करना है,” तो आप अपने आप को अनुग्रह के एक मूल साधन से और मार्गदर्शन और सामर्थ्य और फलदायी और आनन्द के स्रोत से पृथक कर रहे हैं। इन पदों के अतिरिक्त भी, बाइबल में यह स्पष्ट है कि परमेश्वर की इच्छा है कि हम ध्यानपूर्वक अपने दिनों में महत्वपूर्ण बातों के लिए लक्ष्य बनाएँ।
आपके लिए परमेश्वर की प्रकट इच्छा यह है कि जब आप सुबह उठते हैं, तो आप पूरे दिन लक्ष्यहीन होकर कार्य न करें जिसमें मात्र परिस्थितियों को यह निर्धारित न करने दें कि आपको क्या कार्य करना है, परन्तु आप लक्ष्य बनाएँगे — अर्थात् आप एक निश्चित प्रकार के उद्देश्य पर ध्यान केन्द्रित करिए। यहाँ पर मैं बच्चों, नवयुवकों, और व्यस्कों — विवाहित, अविवाहित, विधवाओं, मताओं और प्रत्येक व्यवसाय और प्रत्येक कार्य के विषय में बात कर रहा हूँ।
लक्ष्यहीनता का सम्बन्ध निर्जीवता से है। मैदान में पड़े सूखे पत्ते किसी भी अन्य वस्तु से अधिक हिल सकते हैं और उड़ सकते हैं — अर्थात् कुत्ते से अधिक, बच्चों से अधिक। जब हवा एक दिशा में बहती है तो वे उसी दिशा में उड़ते हैं। जब हवा दूसरी दिशा में चलती है तो वे उस दिशा में उड़ जाते हैं। वे गिरते हैं, उछलते हैं, कूदते हैं, बाड़े को पार करके जाने का प्रयास करते हैं, परन्तु उनके पास कोई लक्ष्य नहीं है। वे हिलते तो बहुत हैं परन्तु उनमें जीवन नहीं है।
परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप में लक्ष्यहीन होने के लिए नहीं सृजा है, उन निर्जीव पत्तों के समान नहीं जो मैदान में हवा से इधर-उधर उड़ाए जाते हैं। उसने हमें उद्देश्यपूर्ण होने के लिए सृजा है — जिससे कि हमारे पास प्रत्येक दिन के लिए उद्देश्य और लक्ष्य हों। आज आपका लक्ष्य क्या है? नए वर्ष के लिए आपका क्या लक्ष्य है? 1 कुरिन्थियों 10:31 आरम्भ करने का एक उत्तम स्थान है, “अत: चाहे तुम खाओ या पीओ या जो कुछ भी करो, सब परमेश्वर की महिमा के लिए करो।”
एक भयानक गन्तव्य
जॉन पाइपर द्वारा भक्तिमय अध्ययन
. . . यीशु जो हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है। (1 थिस्सलुनीकियों 1:10)
क्या आपको वह समय स्मरण है जब आप बचपन में खो गए थे, या एक खड़ी चट्टान पर फिसल रहे थे, या डूबने वाले थे? फिर अचानक आपको बचा लिया गया। आप किसी प्रकार से जीवित बच गए। आप उसके विषय में सोचते हुए काँप रहे थे जिसे आपने लगभग खो ही दिया था। आप प्रसन्न थे। ओह, अत्यधिक प्रसन्न और धन्यवादी भी। और आप आनन्द के साथ काँप उठे।
मैं वर्ष के अन्त में परमेश्वर के प्रकोप से अपने बचाए जाने के विषय में ऐसा ही अनुभव करता हूँ। हमारे घर में दिनभर क्रिसमस के दिन अलाव में आग जलती रही। कभी-कभी कोयले इतने गर्म थे कि जब मैं और आग बढ़ाने के लिए लकड़ी डालता था तो मेरे हाथ में पीड़ा होती थी। मैं नरक में पाप के विरुद्ध परमेश्वर के प्रकोप के भयानक विचार के विषय में सोचकर पीछे हटा और काँप उठा। ओह, वह वर्णन से बाहर कितना भयानक होगा!
बड़े दिन की दोपहर मैं एक ऐसी बहन से मिला जिसके शरीर का 87 प्रतिशत से अधिक भाग जल चुका था। वह अगस्त से अस्पताल में ही है। मेरा हृदय उसके लिए बहुत दुःखी हुआ। किन्तु यह कितनी ही अद्भुत बात थी कि मैं उसको परमेश्वर के वचन से आने वाले युग में उसके लिए एक नए शरीर की सुदृढ़ आशा को देने पाया! परन्तु जब मैं वहाँ से वापस आता तो न केवल इस जीवन में उसकी पीड़ा के विषय में सोच रहा था, किन्तु उस चिरस्थायी पीड़ा के विषय में भी सोच रहा था जिससे मैं यीशु के द्वारा बचाया गया हूँ।
मेरे साथ मेरे अनुभव को समझने का प्रयास करें। क्या ऐसे काँपते हुए आनन्द के साथ वर्ष को समाप्त करना उचित होगा? पौलुस आनन्दित था कि “यीशु …हमें आने वाले प्रकोप से बचाता है” (1 थिस्सलुनीकियों 1:10)। उसने चेतावनी दी “परन्तु जो…सत्य को नहीं मानते…उन पर प्रकोप और क्रोध पड़ेगा” (रोमियों 2:8)। और “क्योंकि इन्हीं [यौन अनैतिकता, अशुद्धता और लोभ] के कारण आज्ञा न मानने वालों पर परमेश्वर का प्रकोप पड़ता है” (इफिसियों 5:6)।
यहाँ वर्ष के अन्त में, मैं पूरी बाइबल को पढ़कर समाप्त करने की अपनी यात्रा को पूरी कर रहा हूँ और अन्तिम पुस्तक प्रकाशितवाक्य पढ़ रहा हूँ। यह परमेश्वर के विजय की, और उन सभी के लिए अनन्त आनन्द की महिमामय नबूवत है “जो जीवन का जल बिना मूल्य” लेते हैं (प्रकाशितवाक्य 22:17)। कोई भी आँसू नहीं होंगे, कोई भी पीड़ा नहीं होगी, कोई भी निराशा नहीं होगी, किसी भी प्रकार का शोक नहीं होगा, मृत्यु नहीं होगी, किसी भी प्रकार का पाप नहीं होगा (प्रकाशितवाक्य 21:4)।
परन्तु ओह, पश्चात्ताप न करना और यीशु की साक्षी को दृढ़ता से न थामना कितनी भयानक बात है! “वह प्रेरित जिससे यीशु प्रेम करता था” (अर्थात् यूहन्ना) के द्वारा किया गया परमेश्वर के प्रकोप का वर्णन भयानक है। जो परमेश्वर के प्रेम का तिरस्कार करते हैं “परमेश्वर के प्रकोप की वह मदिरा जो उसके क्रोध के कटोरे में भरपूर उड़ेली गई है पीएगा, और पवित्र स्वर्गदूत और मेमने की उपस्थिति में उसे आग और गन्धक की घोर यातना सहनी पड़ेगी। उनकी यातना का धुआँ युगानुयुग उठता रहेगा; और उन्हें जो पशु की और उसकी मूर्ति की पूजा करते हैं और उसके नाम की छाप लेते हैं, दिन और रात कभी चैन न मिलेगा” (प्रकाशितवाक्य 14:10-11)।
“जिस किसी का नाम जीवन की पुस्तक में लिखा हुआ न मिला, वह आग की झील में फेंक दिया गया” (प्रकाशितवाक्य 20:15)। यीशु “सर्वशक्तिमान परमेश्वर के भयानक प्रकोप की मदिरा का रसकुण्ड रौंदेगा” (प्रकाशितवाक्य 19:15)। “रसकुण्ड से इतना लहू बहा कि उसकी उँचाई घोड़ों की लगामों तक और उसकी दूरी तीन सौ किलोमीटर तक थी” (प्रकाशितवाक्य 14:20)। उस दर्शन का भले ही जो भी महत्व हो, वह यह बताने के लिए ही है कि कुछ अवर्णनीय रीति से भयनाक घटेगा।
शैतान कैसे परमेश्वर की सेवा करता है
देखो, धैर्य रखने वालों को हम धन्य समझते हैं। तुमने अय्यूब के धैर्य के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु के व्यवहार के परिणाम को देखा है कि प्रभु अत्यन्त करुणामय और दयालु है। (याकूब 5:11)
प्रत्येक रोग और विकलांगता के पीछे परमेश्वर की ही परम इच्छा पाई जाती है। ऐसी बात नहीं है कि इनमें शैतान का हाथ नहीं है—सम्भवतः विनाशकारी उद्देश्यों के साथ किसी न किसी रीति से उसका हाथ इन बातों में पाया जाता है (प्रेरितों के काम 10:38)। परन्तु उसकी शक्ति निर्णायक नहीं है। वह परमेश्वर की अनुमति के बिना कोई कार्य नहीं कर सकता है।
अय्यूब के रोग द्वारा प्राप्त शिक्षाओं में से एक शिक्षा यही है। वह स्थल स्पष्ट करता है कि जब अय्यूब पर रोग आया, “तो शैतान ने. . . अय्यूब को भंयकर फोड़ों से पीड़ित किया’’(अय्यूब 2:7)। उसकी पत्नी ने उससे कहा कि परमेश्वर की निन्दा कर। परन्तु अय्यूब ने कहा, “क्या हम परमेश्वर के हाथ से सुख लेते हैं, दुख न लें?” (अय्यूब 2:10)। और फिर से इस पुस्तक का उत्प्रेरित लेखक (जैसे कि उसने 1:22 में कहा था) यह कहकर अय्यूब की सराहना करता है “इन सब बातों में अय्यूब ने अपने मुँह से पाप नहीं किया।’’
दूसरे शब्दों मेःं यह शैतान के ऊपर परमेश्वर की सम्प्रभुता का सही दृष्टिकोण है। शैतान वास्तविक है और हमारी विपत्तियों में उसका हाथ हो सकता है, परन्तु उसका हाथ न तो परम है और न ही निर्णायक होता है।
याकूब स्पष्ट करता है कि अय्यूब के सभी कष्टों में परमेश्वर का उद्देश्य भला थाः “तुमने अय्यूब के धैर्य के विषय में तो सुना ही है, और प्रभु के व्यवहार के परिणाम को देखा है कि प्रभु अत्यन्त करुणामय और दयालु है” (याकूब 5:11)।
इसलिए भले ही शैतान इसमें सम्मिलित था फिर भी परम उद्देश्य तो परमेश्वर ही का था, और वह “करुणामय और दयालु” था।
यह वही पाठ है जिसे हम 2 कुरिन्थियों 12:7 से सीखते हैं, जहाँ पौलुस कहता है कि उसकी देह में चुभाया गया काँटा “शैतान का एक दूत” था और फिर भी वह पौलुस को उसकी स्वयं की पवित्रता के उद्देश्य से दिया गया था — उसको घमण्डी बनने से रोकने के लिए। “इसलिए प्रकाशनों की अधिकता के कारण, मेरी देह में एक काँटा चुभाया गया है, अर्थात् शैतान का एक दूत कि वह मुझे दुःख दे और घमण्ड करने से रोके रहे!”
अब, इस क्लेश में शैतान का उद्देश्य नम्रता नहीं है। जिसका अर्थ है कि यह तो परमेश्वर का उद्देश्य है। इसका अर्थ है कि पौलुस के जीवन में परमेश्वर के भले उद्देश्यों को पूरा करने के लिए यहाँ परमेश्वर द्वारा शैतान का उपयोग किया गया है। वास्तव में, परमेश्वर की चुनी हुई सन्तानों के लिए, शैतान हमें नाश नहीं कर सकता है, और परमेश्वर शैतान के सभी आक्रमणों को अन्ततः शैतान के ही विरुद्ध और हमारे लिए परिवर्तित कर देता है।