दर्शन (Philosia)
By Joshuto
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मेरा अनुभव इच्छुक लोगों के साथ बाँटने के लिए और ध्यान का और विशेषकर awareness meditation याने सहज ध्यान जो बुद्ध और कबीर ने सुझाया था, अपना काम करते हुए अपनी जागरूकता हम क्या कर रहे हैं, और कौन कर रहा है इस पर बनाए रखना। यही सहज ध्यान है।
इस यात्रा पर निकलना ही हर मनुष्य का स्वधर्म है। चाहे सामूहिक धर्म वह इस्लाम, chirstian, सिख, बौद्ध या हिंदू को जन्म जिस परिवार में हुआ है इस कारण मानता हो, लेकिन स्वधर्म तो खुद की अन्तरात्मा की खोज ही है, इसे किसी संत ने प्रज्ञान कहा, बुद्ध ने निर्वाण कहा, तो जीसस ने Love कहा है। संतों ने अपनी बात दोहों, गीतों, कहानियों इत्यादि द्वारा लोगों तक पहुँचाई। सभी संतों का संदेश, मेरे अनुभवों के रस में डुबाकर पहुँचाना है।
मेरा अनुभव इच्छुक लोगों के साथ बाँटने के लिए और ध्यान का और विशेषकर awareness meditation याने सहज ध्यान जो बुद्ध और कबीर ने सुझाया था, अपना काम करते हुए अपनी जागरूकता हम क्या कर रहे हैं, और कौन कर रहा है इस पर बनाए रखना। यही सहज ध्यान है।
इस यात्रा पर निकलना ही हर मनुष्य का स्वधर्म है। चाहे सामूहिक धर्म वह इस्लाम, chirstian, सिख, बौद्ध या हिंदू को जन्म जिस परिवार में हुआ है इस कारण मानता हो, लेकिन स्वधर्म तो खुद की अन्तरात्मा की खोज ही है, इसे किसी संत ने प्रज्ञान कहा, बुद्ध ने निर्वाण कहा, तो जीसस ने Love कहा है। संतों ने अपनी बात दोहों, गीतों, कहानियों इत्यादि द्वारा लोगों तक पहुँचाई। सभी संतों का संदेश, मेरे अनुभवों के रस में डुबाकर पहुँचाना है।
दर्शन (Philosia)Sep 08, 2023
00:00
20:58
जब आप आध्यात्म की राह पर चल पड़ें तब जीवन कैसे जीना चाहिए?
ओशो ने चीन के संतों का उदाहरण देते हुए यह समझाने का प्रयत्न किया है कि जीवन जब अध्यात्म के लिए ही समर्पित कर दिया गया हो तब जीवन कैसे जीना चाहिए। एक युवा होकर भी मैंने पूरा जीवन अध्यात्म की राह पर ही जीया, और मैं आज जब अपने जीवन पर निगाह डालता हूँ तो ओशो के इस कथन को सत्य पाता हूँ।
Sep 08, 202320:58
होंश -मेरे आध्यात्मिक जीवन में पहला कदम
इस पाड्कैस्ट में मैंने अपने आध्यात्मिक जीवन में ओशो के मार्गदर्शन में जो पहला कदम रखा उसका वर्णन किया है। इसके माध्यम से मैं सभी तक यह बात पहुँचाना चाहता हूँ कि कोई भी शुरुआत छोटी नहीं होती। हम कभी अच्छे से करेंगे, पूरा मन और समय देंगे जब थोड़ा जिम्मदारियों से मुक्त होंगे यह अपने को दिलासा देते जाते है, और पूरा जीवन निकले जाता है। फिर कहते हैं, अब क्या होगा हमसे? कबीर कहते हैं कि मुहूर्त के चक्कर में जो जन्म के साथ सौग़ात मिली थी वह भी खो देता है आदमी। तो शुरुआत करें आज ही। YouTube लिंक ओशो से होंश कैसे लाएँ जीवन में, यह सीखने के लिए जहां से मैंने सीखा 35 वर्ष पहले। youtu.be/1ccf3Kz1k9s या मेरे linktr.ee/Joshuto पर भी मिलेगा। Seeds of Wisdom के माध्यम से।
Jun 01, 202104:20
मृत्यु से सीखें कि जीना किसको कहते हैं।
कोरोना काल में जब हर व्यक्ति एक गुमनाम मौत मरने के क़रीब आ गया है, तो यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है कि जीवन का उद्देश्य क्या है? यही प्रश्न मेरे सामने उपस्थित हुआ तब मैंने जो किया, वह आप तक पहुँचाने का प्रयत्न किया है।
May 17, 202103:04