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Hamari Aavaaz हमारी आवाज़

Hamari Aavaaz हमारी आवाज़

By Shashi Bhooshan

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शशिभूषण के साथ सुनने का साझा मंच: हमारी आवाज़
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Nastik Bachche Ki Prarthna

Hamari Aavaaz हमारी आवाज़Oct 16, 2021

00:00
03:51
Shikshikaen | Shashi Bhooshan

Shikshikaen | Shashi Bhooshan

"शिक्षिकाएँ"
कविता एवं वाचन : शशिभूषण
Mar 08, 202402:19
Katyayani ki kavita | Vasiyatnama

Katyayani ki kavita | Vasiyatnama

वसीयतनामा लिखने जैसी कुछ गुफ़्तगू
कवि : कात्यायनी
वाचन : शशिभूषण
(बया, अप्रैल-मार्च 2024)
Mar 08, 202403:34
Sarveshwardayal Saxena | Dhire Dhire

Sarveshwardayal Saxena | Dhire Dhire

धीरे-धीरे
कवि : सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
वाचन : शशिभूषण
Feb 15, 202404:27
Rahen yaa n rahen

Rahen yaa n rahen

"रहें या न रहें".
कविता एवं वाचन: शशिभूषण.
Jan 02, 202402:25
Bhasha Singh | Chunav Jang aur Medea

Bhasha Singh | Chunav Jang aur Medea

"चुनाव जंग और मीडिया"

वक्ता : भाषा सिंह, जन पक्षधर जुझारू पत्रकार।
आयोजक : राष्ट्रीय सांस्कृतिक यात्रा, ढाई आखर प्रेम 2023, इंदौर (म.प्र.)।

स्थल : मध्य प्रदेश प्रेस क्लब, अभिनव कला समाज सभागार इंदौर।
तिथि : 27 दिसंबर 2023, शाम 05.55 बजे।
Dec 27, 202359:01
Dhai Aakhar Prem | Subah ke intzar men

Dhai Aakhar Prem | Subah ke intzar men

सुबह के इंतज़ार में। विनीत तिवारी से बातचीत। प्रसंग: ढाई आखर प्रेम यात्रा। 26 दिसंबर 2023, सहस्त्र धारा नर्मदा, महेश्वर।
Dec 26, 202321:19
Chandrakant Devtale | Thode se bachche aur baqi bachche

Chandrakant Devtale | Thode se bachche aur baqi bachche

थोड़े से बच्चे और बाक़ी बच्चे
कवि : चंद्रकांत देवताले
वाचन : शशिभूषण
Nov 15, 202304:25
Kumar Ambuj | Kroorta

Kumar Ambuj | Kroorta

क्रूरता
कवि : कुमार अम्बुज
वाचन : शशिभूषण
Nov 15, 202302:40
Sandip Naik | Jahan ghar hai vahan ped hai

Sandip Naik | Jahan ghar hai vahan ped hai

"जहाँ घर है वहाँ पेड़ है"
कवि : संदीप नाईक
वाचन : शशिभूषण
Nov 13, 202305:11
Ravindra Vyas | Ma Ka Mantrochchar

Ravindra Vyas | Ma Ka Mantrochchar

"माँ का मंत्रोच्चार", मार्मिक और अविस्मरणीय कहानी। कहानीकार, रवींद्र व्यास। वाचन, शशिभूषण।
Nov 13, 202308:52
Kedarnath Singh | Deepdaan

Kedarnath Singh | Deepdaan

उस तट पर भी जाकर दिया जला आना,
पर पहले अपना यह आँगन कुछ कहता है
जाना, फिर जाना!
•केदारनाथ सिंह
Nov 12, 202302:36
Nirala | Priytam

Nirala | Priytam

प्रियतम
कवि : निराला
वाचन : शशिभूषण
Nov 11, 202303:57
Chandra Bhushan | Dheere Chalo

Chandra Bhushan | Dheere Chalo

"धीरे चलो"
कवि : चंद्रभूषण
Nov 05, 202301:35
PWA Jabalpur Ghoshnapatra

PWA Jabalpur Ghoshnapatra

प्रलेसं घोषणा पत्र. लेखक, कुमार अम्बुज-वीरेंद्र यादव. अठारहवाँ राष्ट्रीय सम्मेलन, 20, 21, 22 अगस्त 2023, जबलपुर(म. प्र.).
Sep 01, 202313:05
Kumar Ambuj | Shikshakon Se Samvad

Kumar Ambuj | Shikshakon Se Samvad

शिक्षकों से संवाद : कुमार अम्बुज, कवि-कहानीकार, सिनेमा चिंतक।
विषय : गद्य कैसे समझें समझाएँ।
25 मई 2021,
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 3 भोपाल,
क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल।

सौजन्य : श्री सोमित श्रीवास्तव(उपायुक्त), डॉ ऋतु पल्लवी, सहायक आयुक्त(तत्कालीन प्राचार्य)

Aug 13, 202358:51
Harishankar Parsai | Sadachar Ka Taveez

Harishankar Parsai | Sadachar Ka Taveez

विशेषज्ञों ने कहा, "हुज़ूर वह हाथ की पकड़ में नहीं आता। वह स्थूल नहीं, सूक्ष्म है, अगोचर है। पर वह सर्वत्र व्याप्त है। उसे देखा नहीं जा सकता, अनुभव किया जा सकता है।"

राजा सोच में पड़ गए। बोले, "विशेषज्ञो, तुम कहते हो वह सूक्ष्म है, अगोचर है और सर्वव्यापी है। ये गुण तो ईश्वर के हैं। तो क्या भ्रष्टाचार ईश्वर है?"

विशेषज्ञों ने कहा, "हाँ, महाराज, भ्रष्टाचार अब ईश्वर हो गया है।"

-सदाचार का तावीज़, हरिशंकर परसाई
Aug 12, 202311:26
Svayam Prakash | Partition

Svayam Prakash | Partition

इस कहानी का अंत अच्छा नहीं है। मैं चाहता हूँ कि आप उसे नहीं पढ़ें। और पढ़ें भी तो यह ज़रूर सोचें कि क्या इसका कोई और अंत हो सकता था? अच्छा अंत? अगर हाँ तो कैसे? - पार्टीशन(कहानी), स्वयं प्रकाश
Aug 08, 202321:53
Bhartiytata Rashtravad aur Sahitya : Vineet Tiwari

Bhartiytata Rashtravad aur Sahitya : Vineet Tiwari

"भारतीयता राष्ट्रवाद और साहित्य".
वक्ता : विनीत तिवारी, कवि और सामाजिक कार्यकर्ता.

संदर्भ : हिरोशिमा दिवस, 6 अगस्त, 2023. आयोजक : मध्य-प्रदेश प्रलेसं, देवास इकाई.
Aug 08, 202350:37
Hiroshima | Agyeya

Hiroshima | Agyeya

हिरोशिमा
कवि : अज्ञेय
वाचन : शशिभूषण

हिंदी के युगपुरुष अज्ञेय की यह कविता 'हिरोशिमा दिवस' 6 अगस्त 2023 को रिकॉर्ड की गयी।

कविता और आत्मकथ्य NCERT की पाठ्यपुस्तक 'कृतिका' भाग-दो(कक्षा 10) में संकलित हैं।
Aug 06, 202304:09
Arbaz Khan | Burqa Utaar Lena Beta

Arbaz Khan | Burqa Utaar Lena Beta

बुर्क़ा उतार लेना बेटा
कवि: अरबाज़ ख़ान
समय के साखी, मई-जून 2023
Jun 25, 202302:20
Shayad kahna suna jaye

Shayad kahna suna jaye

मैं कुछ कहना चाहता हूँ। कहना ज़रूरी हो गया है। शोर और बोलना बहुत है फिर भी सोचता हूँ- शायद कहना सुना जाय।
(शशिभूषण)
Apr 29, 202304:60
Message to Devi Prasad Mishra

Message to Devi Prasad Mishra

हिंदवी संगत 18,
शुक्रवार को कवि-लेखक-फ़िल्मकार देवीप्रसाद मिश्र से अंजुम शर्मा की बातचीत सुनकर यह मौखिक संदेश या तुरंत राय रिकॉर्ड करने से ख़ुद को रोक नहीं पाया।

संदेश रिकॉर्ड करने, भेजने के बाद सोचा अगर राय में निजताओं का उल्लंघन नहीं हो, तो उसमें अनायास आ गयी कितनी ही बातों को व्यक्तिगत ही बनाये रखने में क्या भलाई? इसलिए यहाँ पब्लिश कर रहा हूँ।
Apr 29, 202316:38
Pawan Karan | Hum ek dusre ko bhul jayenge

Pawan Karan | Hum ek dusre ko bhul jayenge

इसे सुनिएगा। इस कविता को मैंने महान कहने से खुद को रोक लिया। यह शब्द क्योंकि अब घिस चुका है। आता नहीं इसका अभिप्राय पढ़-सुनकर। पढ़ना या सुनना और महसूस करना ही इस कविता के लिए सब विशेषण हैं।
Mar 08, 202321:15
Japani Kahani Mahavigya

Japani Kahani Mahavigya

"सक्रियता की चरम सीमा है निष्क्रियता. बड़बोलेपन की चरम परिणति है ख़ामोशी और तीरंदाज़ी की अंतिम पराकाष्ठा है धनुर्धारण से परहेज." -महाविज्ञ, कहानीकार : अत्सुशी नाकाजिमा.
Mar 06, 202323:35
Ashish Tripathi | Naya Gantantra

Ashish Tripathi | Naya Gantantra

"स्वतंत्रता दिवस की तारीख़ बदलने पर भी विचार किया जा सकता है।"
Feb 04, 202308:02
Vinay Sourabh | Chala Gaya Admi

Vinay Sourabh | Chala Gaya Admi

विनय सौरभ की कविता "चला गया आदमी"
Jan 24, 202301:54
Avinash Mishra | Varshavas, Upanyas Ansh

Avinash Mishra | Varshavas, Upanyas Ansh

अविनाश मिश्र के उपन्यास 'वर्षावास' का अंश 'आलोचक'
Jan 24, 202303:12
Ashok Vajpeyi | Thoda Sa

Ashok Vajpeyi | Thoda Sa

अशोक वाजपेयी की कविता "थोड़ा सा"
Jan 24, 202302:17
Shamsher | Kal tujhse hod hai meri

Shamsher | Kal tujhse hod hai meri

शमशेर बहादुर सिंह की कविता "काल तुझसे होड़ है मेरी"
Jan 24, 202301:42
Shamsher | Agar maine arbi men prarthna ki

Shamsher | Agar maine arbi men prarthna ki

शमशेर बहादुर सिंह की कविता, "अगर मैंने अरबी में प्रार्थना की"
Jan 24, 202303:44
Ravish Kumar ki ek bat se dar lagta hai

Ravish Kumar ki ek bat se dar lagta hai

रवीश कुमार की एक बात से डर लगता है।
Jan 22, 202312:45
Shamsher ki gazal

Shamsher ki gazal

ग़ज़ल: शमशेर
Jan 21, 202301:31
Shamsher ki kavita Dharmik dangon ki rajniti

Shamsher ki kavita Dharmik dangon ki rajniti

"धार्मिक दंगों की राजनीति" शमशेर की ऐसी कविता है जो भारत के संदर्भ में वर्चस्व की राजनीति जिसमें धर्म एक हथियार होता है को पूरी तरह सामने रख देती है।
Jan 21, 202303:17
Shamsher ki kavita Tumko pana hai aviram

Shamsher ki kavita Tumko pana hai aviram

"तुमको पाना है, अविराम"

अगर आप प्रेम से, प्रेम कविताओं से ज़रा भी खिंचते हैं तो यह कविता पढ़नी-सुननी चाहिए। पढ़ना अपनी सुविधा उपलब्धता से ही हो सकता है। इसलिए मैंने यहीं सुना दी है। सुनिएगा।

बताएंगे सुनना कैसा रहा तो समझ लीजिए इतना ही मैं आपसे चाहता हूं। कविता से बहुत अधिक पा चुका हूं।
Jan 21, 202302:22
Ashok Vajpayi ki kavita Sadak par ek admi

Ashok Vajpayi ki kavita Sadak par ek admi

सड़क पर एक आदमी: दो मिनट कविता ढाई मिनट कविता पर बात।
Jan 21, 202304:35
Hum Shabdon ko nasht kar rahe hain

Hum Shabdon ko nasht kar rahe hain

अचेतना के लिए बिगब्रदर की "न्यूस्पीक" योजना यानी "थॉट क्राइम" रोकने के लिए शब्दों को नष्ट करना । यह जॉर्ज ऑरवेल के उपन्यास 1984 का अंश है । जिसे उज्जैन से रीवा जाते हुए 22 दिसंबर 2022 को दमोह-सागर के आस-पास चलती ट्रेन में रिकॉर्ड किया गया । इसे सुन-पढ़कर एहसास होता है कि भाषा भी शासन का हथियार होती है ।
Dec 22, 202209:43
Devtale ji ke Kutte

Devtale ji ke Kutte

मैं सोचा करता हूं/ देवताले जी कुछ भी पाल सकते थे/ कुत्तों गायों से उज्जैन भरा पड़ा है/ वे बेवजह अकेले पड़ते चले गए/ हालांकि जानता हूं अकेला पड़ना है- कवि हो या फ़ासिस्ट। (शशिभूषण)
Sep 21, 202206:47
Jhansi ki Rani

Jhansi ki Rani

मर्दानी सुना था तेज की अधिकारिणी पाया। माना जाता है कि सुभद्रा कुमारी चौहान की जानी-मानी कविता "झांसी की रानी" में वीरता है। लेकिन मुझे लगता आया है कि इस कविता में स्त्री के दुख और त्याग अधिक हैं। यह एक वीर स्त्री की दुख भरी कहानी ही है, जिसका बचपन में ब्याह हो गया। जिसने सबको अपनाया सबकुछ सहा किंतु बदले में वीरता ही लौटायी, बलिदान ही दिया। उसी दुख भरी कहानी को जिस सम्मान से कवयित्री ने अपनाया लक्ष्मीबाई को मर्दानी सुना था लेकिन तेज की सच्ची अधिकारिणी बताया; मैंने उसे वाणी में अपनाने की कोशिश में यह पाठ किया है। कितना सफल हो पाया हूं यह तो सुनने वाले ही बता सकते हैं। सुन कर बताएंगे तो अच्छा लगेगा -शशिभूषण
Aug 09, 202214:08
Hindi akhbaron ka hinglish dhandha

Hindi akhbaron ka hinglish dhandha

मत बनें अंधे हिंग्लिश में हैं धंधे: शशिभूषण
May 05, 202204:17
Pash ki kavita Inkar

Pash ki kavita Inkar

"मुझसे उम्मीद न करना कि मैं खेतों का बेटा होकर आपके चगले हुए स्वादों की बात करूँगा" - अवतार सिंह पाश
Apr 26, 202203:44
Premchand ki kahani eidgah

Premchand ki kahani eidgah

कहानी "ईदगाह" सुनिए. बहुत मन हुआ इसलिए यह कहानी सुनाई है. मुझे बच्चे हामिद से बचपन से बहुत प्यार है. "ईदगाह" कहानी कभी नहीं भूलती. यही दिल में आता है काश! मैं हामिद जैसा होता. हमारे घरों के बच्चे हामिद जैसे हों!
Apr 24, 202239:44
Sandhya Navodita ki do kavitaen

Sandhya Navodita ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के अठारहवें दिन संध्या नवोदिता की दो कविताएं, "जब उम्मीदें मरती हैं" और "एक दिन जब हम नहीं रहेंगे"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 25, 202206:49
Rekha Chamoli ki do kavitaen

Rekha Chamoli ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के सत्रहवें दिन रेखा चमोली की दो कविताएं, "डरे हुए लोग" और "एक मां के होते"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 24, 202203:60
Jyoti Chawla ki do kavitaen

Jyoti Chawla ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के सोलहवें दिन ज्योति चावला की दो कविताएं, "बेटी की गुल्लक" और "बहुरूपिया आ रहा है"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 23, 202207:11
Anuradha Singh ki do kavitaen

Anuradha Singh ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के पंद्रहवें दिन अनुराधा सिंह की दो कविताएं, "पाताल से प्रार्थना" और "सपने हथियार नहीं देते"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 21, 202206:38
Nirmala Putul ki do kavitaen

Nirmala Putul ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के चौदहवें दिन निर्मला पुतुल की दो कविताएं, "मेरा सब कुछ अप्रिय है उनकी नज़र में" और "उतनी दूर मत ब्याहना बाबा!" पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 20, 202206:51
Shahnaz Imrani ki do kavitaen

Shahnaz Imrani ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के तेरहवें दिन शहनाज़ इमरानी की दो कविताएं, "ख़ुदाओं की इस जंग में" और "चले गए पिता के लिए"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 19, 202205:51
Vazda Khan ki do kavitaen

Vazda Khan ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के बारहवें दिन वाज़दा ख़ान की दो कविताएं, "हम लड़कियां" और "हिस्सा"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 18, 202204:31
Nazish Ansari ki do kavitaen

Nazish Ansari ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के ग्यारहवें दिन नाज़िश अंसारी की दो कविताएं, "हलफ़नामा" और "मेरा गला दबा दो मां"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 18, 202205:50
Upasna Jha ki do kavitaen

Upasna Jha ki do kavitaen

दो कविताएँ रोज़: पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 के उपलक्ष्य में कात्यायनी, अनामिका और पच्चीस हिंदी युवा स्त्री कवि के अंतर्गत "दो कविताएँ रोज़" श्रृंखला के दसवें दिन उपासना झा की दो कविताएं, "ग्यारह बरस की मां" और "रोना"। पाठ एवं चयन: शशिभूषण।
Mar 17, 202206:05