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कथानक - by Anupam

कथानक - by Anupam

By Anupam Chauhan

रूबरू सच से!! जो सच है वही लिखते हैं, नाकि खुद बिकते हैं.......सच्चाई, साहस और सम्मान। 📹📷✒️
#7080458888
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गांव वाली दीवाली

कथानक - by AnupamNov 10, 2020

00:00
05:01
रुपया गिरता है तो गिरे मेरी बला से!

रुपया गिरता है तो गिरे मेरी बला से!

डॉलर की तुलना में रुपया करीब 11 फीसदी गिर चुका है और 20 अक्टूबर 2022 को भारतीय करंसी 83.07 के साथ नए ऑल टाइम लो लेवल पर पहुंच गई। इसकी तुलना में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का बेंचमार्क इंडेक्स नोफ़्ती 2022 में अभी तक 1 फीसदी चढ़ा है।
Oct 26, 202203:36
कांटे ही कांटे दिख रहे मल्लिकार्जुन खरगे की राह में

कांटे ही कांटे दिख रहे मल्लिकार्जुन खरगे की राह में

क्या खरगे कांग्रेस की डूबती हुई नैया को पार लगा पाएंगे यह आने वाला वक्त बताएगा
Oct 26, 202206:58
ज़िंदगी

ज़िंदगी

जिंदगी के रंगमंच पर अलग अलग इंसान तीन प्रकार की जिंदगी जीते हैं। एक जो हम जी रहे होते हैं, दूसरी जो हम जीना चाहते हैं और तीसरी चाहकर भी हम जी नहीं पाते हैं। मतलब जो हासिल है वह जद्दोजहद है, जिसे पाना चाहते हैं वह ख्वाहिश है और जो मिल नहीं रहा वह खुन्नस है.....
May 07, 202204:51
रिजल्ट

रिजल्ट

हर मां बाप की आशा होती है कि उसकी संतान पढ़ लिखकर अच्छे ओहदे पर हो। यह सही भी है कि कोई माँ बाप अपनी संतान को चपरासी नहीं बनाना चाहता है....
May 06, 202204:14
अस्तित्व

अस्तित्व

एक लड़की के लिए उसका ससुराल, पति और परिवार अधिक मायने रखता है! लेकिन तब उसकी सारी आशाएं चकनाचूर हो जाते हैं, जब वही लोग उसके मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने में जुट जाते हैं। ऐसे माहौल में तब सारी उम्र ये नारी अपने अस्तित्व को तलाशने में गुजार देती है!....आखिर कब तक?
Jan 27, 202205:57
तुम्हारी बातें

तुम्हारी बातें

प्रेम क्या है, किसी को पाना या खुद को खो देना? एक बंधन या फिर मुक्ति? जीवन या फिर जहर? इस बारे में सबकी अपनी अपनी राय हो सकती है, लेकिन मेरी नजर में प्रेम कुछ अलग है....जब आप प्रेम में डूब जाते हैं तो आपके सोचने का तरीका, आपके महसूस करने का तरीका, आपकी पसंद-नापसंद, यहां तक कि आपकी विचारधारा तक बदल जाती है....शायद यही वास्तविक प्रेम है।💘
Jan 23, 202204:09
श्रेष्ठ कौन....ब्राह्मण या संत!

श्रेष्ठ कौन....ब्राह्मण या संत!

तीन वर्गों में जन्मा व्यक्ति संत तो बन सकता है, परंतु ब्राह्मण कदापि नहीं बन सकता। ब्राह्मण कुल में जन्म लेने के लिए श्रेष्ठ करने पड़ते हैं, तभी व्यक्ति को ब्राह्मण कुल में जन्म मिलता है। संपूर्ण पृथ्वी पर ब्राह्मण से श्रेष्ठ केवल ब्राह्मण संत ही होता है।
Jan 21, 202205:26
आईना

आईना

जब राजा के घर में जन्मी मैया सीता जरूरत पड़ने पर अपने पति के साथ चौदह साल वनवास में गुजार सकती हैं, तो क्या आज की आधुनिक नारी शादी के बाद जरूरत पड़ने पर अपने पति के साथ उसके गांव के पुराने मकान में नहीं गुजार सकती है....!!
Jan 21, 202207:44
बढ़ता भारत घटती इंसानियत

बढ़ता भारत घटती इंसानियत

आजकल एक चुनिंदा शब्द मिला है "भक्त", अरे मूर्ख! इस कृषि प्रधान देश में कितने युवा खेत की मिट्टी अपने शरीर पर लगाते हैं। सबको नौकरी चाहिए! तो राशन कैसे सस्ता होगा? जब उपजेगा कम और खपत ज्यादा होगी तो महंगाई को सहन करना ही पड़ेगा!
Jan 20, 202204:05
पूर्ववृत्त

पूर्ववृत्त

शिकायत न करके ब्लैकमेलर को शह दिया तो क्या भला होगा? भावावेश में आकर कोई और भूल कर जिंदगी जहन्नुम बना लो, इससे बेहतर यही होगा कि पूर्ववृत्त का होम कर इतिश्री कर लो...
Jan 19, 202205:37
भाई साहब बोले...

भाई साहब बोले...

वैद्य जी की दुकान पर आज काफी भीड़ थी, और सभी लोग नोटबंदी पर दलील दी रहे थे। उसी भीड़ में बैठे एक व्यक्ति ने कहा...सरकार को नोट ही ऐसी बनानी चाहिए जो एक समय सीमा पर खुद ही खत्म हो जाये, सारे झंझट से छुटकारा और काला धन भी नहीं बचेगा!
Jan 19, 202203:11
यूपी चुनाव 2022

यूपी चुनाव 2022

एक मजबूत लोकतंत्र के लिए हर बार चुनाव आते हैं, होते हैं और आगे भी होते रहेंगे। लेकिन इन चुनावों के बाद जो होता है, शायद उसपर किसी नज़र नहीं पड़ती। हर चुनाव में राजनीति के धुरंधर वादों की झड़ी लगा देते हैं। भी को भाई से लड़वाते है, हिन्दू-मुसलमान करवाते हैं। जाति को मुद्दा बनाते हैं और समाज मे आरक्षण का विष घोल देते हैं....
Jan 16, 202202:40
जिंदगी

जिंदगी

अपनी बात
Aug 20, 202100:16
वक़्त बेवक़्त...

वक़्त बेवक़्त...

मेरे जज़्बात
Aug 20, 202100:16
संयुक्त परिवार

संयुक्त परिवार

इस भागदौड़ भरी जिंदगी में मानव जैसे अकेले रह गया है, और हो भी क्यों ना? क्योंकि अब उसने एकल परिवार में रहने की आदत जो बना ली है। वहीं इससे इतर संयुक्त परिवार, जिसमें मां-बाप और बच्चों के साथ दादा-दादी व घर के अन्य सदस्य जैसे- चाचा-चाची, बुआ आदि सभी साथ में रहते हैं। संयुक्त परिवार में अगर कभी किसी को कोई दिक्कत होती है तो एक दूसरे की सहायता के लिए पूरा परिवार जुट जाता है। बच्चों को छोड़कर ऑफिस जाना हो या कहीं बाहर जाना है तब भी निश्चिंतता के साथ जा सकते हैं। यहां बच्चों की जिम्मेदारी सिर्फ माता-पिता की नहीं बल्कि पूरे परिवार की होती है। इस संयुक्त परिवार में बच्चे संस्कार भी सीखते हैं, जो आगे चलकर उन्हें समाज में ना सिर्फ अच्छा स्थान दिलाता है बल्कि उनके वही पारिवारिक संस्कार उसे सफल बनने में मददगार भी साबित होते हैं।
Mar 24, 202106:40
कुलक्षणी औरत

कुलक्षणी औरत

औरत एक ऐसी सख्सियत है जिसकी जगह इस संसार में कोई नहीं ले सकता है। कहीं वो मां है, बहन है, बेटी है तो कहीं पत्नी बनकर घर को संवारती है और हर पल आपका ख्याल रखती है। बावजूद इसके जो सम्मान उसे मिलना चाहिए हम उसे नहीं दे पाते हैं।
Mar 24, 202104:58
गांव वाली दीवाली

गांव वाली दीवाली

आज की दीवली में हमारे पास सबकुछ है,अधिक पैसा है, अधिक दोस्त हैं और सच कहें तो अधिक दिखावा है। पर वो गांव की आनंद वाली दीवाली नहीं है। पहले जेब तो खाली थी, लेकिन दिल प्रेम भवनाओं से भरा हुआ था! शायद यही वजह है कि की #गांव_वाली_दीवाली नहीं है अब!!!
Nov 10, 202005:01
समाज का जहर....

समाज का जहर....

हिन्दू vs मुसलमान
Nov 10, 202005:08
November 9, 2020

November 9, 2020

Nov 09, 202000:60