
#AhsasonKi#Abhivyakti
By Deepak Kumar Bhanre
दोस्तों प्रकृति, आकाश और धरा में कितना कुछ बिखरा है , बस उनकी छटाओं से आंखे भिगोना है और एहसासों को शब्दों में पिरोना है ।

#AhsasonKi#AbhivyaktiNov 21, 2021
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सर्द शाम चाय की चुस्कियां
सर्द शाम चाय की चुस्कियां के सुन्दर एहसासों की अभिव्यक्ति ।
Jan 09, 202202:06

मेरा हुनर मुझे सीढ़ियों से गिरने नहीं देता ।
जीवन का अनुभव और सीखे गए हुनर हमारे जीवन को बहुत संभाले रखते हैं ।
Nov 21, 202102:23

हे जगदम्बे मां, अपरंपार महिमा ।
मां जगदम्बे की स्तुति ।
Oct 10, 202101:47

किसका है इसमें कसूर ।
किसका है इसमें कसूर ।
Oct 07, 202101:42

बिना हद का आसमां है ।
गर पहचान लें हद अपनी,
ऑनलाइन के जमाने में ,
दिल भी रहेंगे खिले “दीप”,
दीवानगी के बागानों में ।
Sep 25, 202101:26

एहसासों को शब्दों में पिरोना है ।
दोस्तों प्रकृति, आकाश और धरा में कितना कुछ बिखरा है , बस उनकी छटाओं से आंखे भिगोना है और एहसासों को शब्दों में पिरोना है ।
Sep 23, 202102:20