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Josh

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By Murli Srivastava

जोश -मेरी दुनियां में कभी शाम नहीं होती।
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Kahe ko byahe bides

JoshAug 22, 2022

00:00
23:01
Jajbaat

Jajbaat

Main janta hoon mere bheetar

jajbaat ghoomate hain

Aug 17, 202300:32
Toofan

Toofan

Kya samandar ke bheetar bhi

Aug 17, 202300:22
Umre Daraaj Maang Ke Laye The Paanch Din उम्र ए दराज मांग के लाए थे पांच दिन

Umre Daraaj Maang Ke Laye The Paanch Din उम्र ए दराज मांग के लाए थे पांच दिन

मुश्किल है , लोग सोच रहे हैं मुझ से पहले के लोग तो उम्र ए दराज चार दिन मांग कर लाए थे ये पांचवां दिन कब मांग लाया।

जैसे

उम्र ए दराज मांग कर लाए थे चार दिन

दो आरजू में कट गए दो इंतजार में ।


या किसी ने लिख डाला

मेरे महबूब ने वादा किया है पांचवें दिन का

किसी से सुन लिया होगा कि दुनियां चार दिन की है ।


फिर मुझे बड़े दर्द के साथ सुनने को मिला

जीने के हैं चार दिन , बाकी हैं बेकार दिन ।


मतलब पहले के लोगों के हिसाब से जिंदगी चार दिन की थी । वैसे आज भी लोगों का मानना यही है कि

इक फुरसते गुनाह मिली वो भी चार दिन

देखे हैं हमने हौसले परवर दिगार के ।

दोनों जहांन तेरी मोहब्बत में हार के ,

वो जा रहा है कोई शबे गम गुजार के ।


अर्थ यह कि ट्रेडिशनल लाइफ तो खुदा ने बंदे को चार दिन ही दी है जिसे वह इश्क मोहब्बत यानी कि दो आरजू तो दो इंतजार में बिता के निकल लेता है ।

या फिर दो चार दिन मौज मस्ती की फिर शादी हो गई और तब कहता है जीने के हैं चार दिन , आगे की लाइन मैं कैसे लिख सकता हूं मुझे तो लौट कर घर जाना है असली वाले घर जहां घर वालों का सामना करना है , बाकी हैं बेकार दिन लिख दिया तो उन्हें जवाब क्या दूंगा।

आप जानते हैं इसका क्या मतलब निकलेगा , हाय तो मैंने तुम्हारी जिंदगी बेकार कर दी , अरे जाने दो मुझे पता है शादी के पहले तुम क्या थे , रहने दो मेरा मुंह मत खुलवाओ , न ढंग से कपड़े पहनने का सहूर था न उठने बैठने का । इसके बाद आपको वाकई लगने लगेगा कि यकीनन आप आई मीन मैं भी उसमें शामिल हूं हम सब शादी से पहले डिफेक्टिव पीस थे जो चार दिन की जिंदगी लिए घूम रहे थे , उसके बाद तो हमें जिंदगी किसी की दुआओं की बदौलत मिली ।


देखिए आप सोच रहें होंगे कि मैं चार दिन के इस किस्से में झूठ बोल कर आपको खुद के मांग कर लाए हुए पांचवें दिन के मामले को बताना नहीं चाहता।

वैसे इसे आप छोटा मत समझिए अगर पहले जिंदगी चार दिन की थी और अब पांच दिन हो गई है तो एक दिन एक्स्ट्रा मिलने से इस हिसाब से लाइफ एक चौथाई तो बढ़ ही गई ।

इसको गणित की भाषा में समझें तो अगर पहले एवरेज लाईफ साठ साल थी तो अब पचहत्तर हो गई है ।

वैसे ये दोनो डेटा गलत हैं मुझे पता नहीं कि पहले साठ थी की नहीं और अब पचहत्तर हुई भी है या नहीं।

बस यह समझने समझने के लिए है जैसे गणित के सवाल को हल करते समय करते हैं , जैसे की कहते हैं मान लीजिए पहले गड्ढा खोदने में पांच लोग लगे थे और फिर तीन और आ गए तो पहले वाले अ हुए तो बाद वाले ब । इस तरह सवाल हल हो जाता है वैसे ही पहले वाले चार दिन अ हुए तो नया जुड़ा पांचवां दिन ब है ।

मैं अ की बात नहीं कह रहा हूं मैं तो उस पांचवें दिन ब की बात कर रहा हूं कि उम्र ऐ दराज मांग कर लाए थे पांच दिन , सो मेरी अब तक की बातों को पढ़ कर चार दिन का तो हम सब को पता चल गया है मैं इस पांचवें दिन के सीक्रेट की बात कर रहा हूं ।


यह जो पांचवां दिन हमें मिला है यह डाक्टर की वजह से मिला है , इंप्रूव्ड हेल्थ सुविधाओं की वजह से मिला है एनुअल हेल्थ चेक अप से मिला है योग बैलेंस डाइट और एक्सरसाइज से मिला है । सवाल यह है कि आखिर इस पांचवें दिन को हम आई मीन नई पीढ़ी कहां लगा रही है ।

चार दिन का हिसाब है मामला पांचवें दिन का अर्थात गणित की इक्वेशन के हिसाब से हमें ब की वैल्यू निकालनी है ।

चलिए कोशिश करते हैं जैसा की मैंने लिखा पहले इंसान की एवरेज लाइफ साठ साल थी और अब पचहत्तर साल हो गई है , आई मीन मान लेते हैं सपोज तो इसके अनुसार अ प्लस ब इजिकल्टू पचहत्तर । अब हमें पता है कि चार दिन अर्थात की अ की वैल्यू है साठ तो इसके अनुसार ब अर्थात इस पांचवें दिन की वैल्यू हुई पंद्रह साल।

वाह क्या बात है एकदम सही उत्तर आया है , गौर से देखेंगे तो पाएंगे इस सोशल मीडिया की वैल्यू भी कमोबेश यही आ रही है । यानी कोई पंद्रह साल सापोज आई मीन मान लेते हैं । देखिए पक्का हिसाब तो कहीं नहीं है जी सब मानने पर चल रहा है सो यह भी सही है ।

अब आप मेरी बात समझे जिंदगी में यह जो पांचवां दिन हमें मिला है वह हमने सोशल मीडिया को दे दिए।

जैसे लाइक्स कमेंट इमोजी , हैपी बर्थ डे , हैपी मैरेज एनिवरसरी , अभी भी दिल नहीं भरा तो गुड मॉर्निंग, गुड इवनिंग , गुड नाईट , फारवार्डिंग , एडिटिंग और न जाने क्या क्या । मतलब जिन्हें चार दिन मिले थे उनकी मार्निंग ईवानिंग और नाईट तो गुड होती ही नहीं थी अरे होगी कैसे उन्हें तो कुकडू कू बोल के मुर्गा जगाता था ये सुंदर फूल पत्तियों वाले मैसेज थोड़ी। वैसे ही लगता है पहले के लोगों का हैपी बर्थ डे कभी मना ही नहीं। वह तो झूठ मूठ का गाना बना दिया बार बार दिन ये आए बार बार दिल ये गाए हैपी बर्थ डे टू यू , हैपी बर्थ डे टू यूं ।


यकीन मानिए मुझे तो लगता है जुकर बर्ग ---
Oct 18, 202209:35
Kahe ko byahe bides

Kahe ko byahe bides

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Aug 22, 202223:01
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Aug 21, 202223:11
Big Journey

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रिग्रेट , बदला और इतिहास का बोझ ले कर , कोई लंबा और बहुत बड़ा सफर पूरा नहीं किया जा सकता।
Aug 06, 202202:18
Josh

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हैसला है तो मेरे साथ चलो मेरी दुनियां में कभी शाम नहीं होती।
Aug 05, 202201:20