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Nayara OrgApr 15, 2021
ए वतन तेरे लिए। अरविंद सोनी।
इस कविता के माध्यम से अरविंद सोनी यह बताना चाह रहे है कि यह हिंदुस्तान है जहां हर व्यक्ति खुशी एवम आनंद से रहते है। यहां पर हर त्योहार मनाया जाता है , पवित्र नदिया बहती है। इसी हिंदुस्तान में चाहे आंधी आए या तूफान जान हथेली पर ले कर वीर पुत्र तैनात रहते है बॉर्डर पर। नमन है उन माताओं को जिन्होंने वीर सपूतों को जन्म दिया।
शहीद। दीपक गर्ग।
यह कविता दीपक गर्ग द्वारा रचित है। इस कविता में एक शहीद के परिवार के बारे में बताया है । तिरंगे में लिपटे उस शक्स को शव कह कर लोग पुकार रहे थे पर जो त्याग देता है शरीर अपने मातृभूमि के लिए वो शहीद कहलाता है। एक मां के आंखों में आसूं थे पर वह शहिद कह कर गया था मत रोना मेरे लिए क्योंकि मैं तो देश के लिए अमर होने जा रहा हूं।
shahadat ki syahi Garima Khandelwal
shahadat ki syahi Garima Khandelwal
मैं भारत हुं। दिव्यांश पॉटर।
यह कविता दिव्यांश पॉटर ने लिखी है और वो यह बताना चाह रहे है कि एक भारत जिसपर कितनी मुश्किले आई , पुलवामा पर हमला हुआ बहुत से सैनिक ने अपने जान गवां दिए। ना जाने कितनी महिलाएं विधवा हो गई । इस कविता से वह मोदी जी को बताना चाह रहे है अब तो भारत पर ध्यान दीजिए।
शहीद फरिश्ते। हेमंत जैन।
यह कविता हेमंत जैन द्वारा लिखी गई है। इस कविता में देश भक्ति को दर्शाया है। एक सैनिक ने अपने देश को आज़ाद करने के लिए अपने जान की बाज़ी लगा दी। वाकई में वह फरिश्ते ही थे जिन्होंने इस रोते बिलखते देश को खुशियों से भर दिया।
एक सैनिक का जुनून। गुंजन ओझा।
इस कविता को गुंजन ओझा ने लिखा है। यह कविता बताना चाह रही है उस वीर जवान के बारे में जो सरहद पर खड़ा गोलियों का सामना करता है। कोई गोली कोई धमाका नहीं रोक पाता है उसे वह देश के लिए खड़ा रहता है एक पहरेदार बनके।
सेना को वर्दी। हरेंद्र त्यागी।
इस कविता को हरेंद्र त्यागी ने लिखा है। इस कविता में एक सिपाही की वर्दी का उल्लेख किया गया है। एक वर्दी जो किसी भी मौसम में अपने देश के लिए खड़ी रहती है। जो सैनिक यह वर्दी पहनता है वो खुद पर गर्व करता है। इस वर्दी को किसी से मतलब नहीं है क्योंकि यह वर्दी तो अपने देश पे कुर्बान है। यह वर्दी हमारे देश की शान है।
एक वीर की अभिलाषा। ज्योति भारद्वाज। शहादत की स्याही।
यह कविता ज्योति भारद्वाज ने लिखी है। यह कविता अत्यंत ही संवेदनशील है जिसको सुनते ही आंखे नम हो जाती है। इस कविता में एक सैनिक के भाव व्यक्त किया गये है कि जब एक पुत्र अपने मां , बहन, बेटी , अपने परिवार से दूर जाता है तो कितना दुख होता है और दूसरे तरफ एक सैनिक की अभिलाषा बताई गई है की किस तरह वो तिरंगे में लिपट कर अपने घर आना चाहता है।
देश प्रेम। हेमलता पालीवाल।
यह कविता हेमलता पालीवाल ने लिखी है। इस कविता के माध्यम से यह वर्णन किया है कि अगर देश से प्रेम करने का मूल्य प्राण देना है तो यह मूल्य भी चुका देंगे। जो वतन से प्रेम करते है वो सर पर कफ़न बांध के घूमते है। हिंदी संगीत के की जगह , देश भक्ति के गाने गुनगुनाते है। केसर का टीका लगा कर देश के लिए हाज़िर हो जाते है।
अमर शहीदों की शहादत।आनंद प्रकाश जैन।
यह कविता आनंद प्रकाश जैन द्वारा लिखी गई है। इस कविता में उल्लेख किया गया है उन जाबाज़ सिपाहियों का जिनके अंदर देश को आज़द करने का जुनून था। भगत सिंह जैसे कितने वीर जवानों ने अपनी जान लगा दी भारत माता की सुरक्षा के लिए।
एक सिपाही का पत्र। अर्चना पांडेय
यह कविता अर्चना पांडेय द्वारा लिखी गई है। इस कविता में एक सिपाही अपने मां को अलविदा कहने के लिए पत्र लिख रहा है, जिसमे वो ये कह रहा है कि उसने यह सीख उनसे पाई है। उसे गर्व है उस आंगन पर जहां पर उसने जन्म लिया और वह अगर शाहिद हो जाता है तो उसके लिए आसू नही बल्कि उसके लिया गर्व करना।
shadat ki syahi Ajay Charan
shadat ki syahi Ajay Charan
shadat ki syahi Amisha Nagda
shadat ki syahi Amisha Nagda
नमन। देवर्षि मेहता।
यह कविता देवर्षि मेहता ने लिखी है। यह कविता अपने माध्यम से यह संदेश देना चाह रही है कि हमें नमन करना चाहिए जो इस देश के लिए त्याग करते है और बलिदान देते है।
भारत वासियों पर आंच न आए इसलिए बर्फ , गर्मी , बारिश हर वक्त खड़े रहते है। नमन है उन वीरों को।
तिरंगा। लक्ष्य शर्मा।
यह कविता लक्ष्य शर्मा द्वारा रचित है। इस कविता में यह बताया जा रहा है कि मार्तिभूमि के लिए लड़ते लड़ते एक वीर जवान शहीद का खिताब कमाता है। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई की लड़ाई छोड़ सीना तान कर देश के लिए खड़ा रहता है। शहीद होना कोई दुख की बात नही बल्कि बहुत गर्व की बात है , उस तिरंगे में लिपट कर अपने मां के कदमों के पास आना हर सैनिक की शान होती है।