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By PURVANCHALNAMA
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PURVANCHALNAMANov 06, 2022
ऐसी पत्नी जिसके लिए पति से अधिक महत्व है मेकअप के सामान का
ऐसी पत्नी जिसके लिए पति से अधिक महत्व है मेकअप के सामान का
महिलाओं में एक ऐसी महिला भी है जिसके लिए उसके पति से ज्यादा अहम है उसके मेकअप का सामान। ऐसी महिला के बारे में क्या कहेंगे जो मेकअप का सामान खरीदने के लिए पैसे न देने पर अपने ही पति से तलाक लेने तक का फैसला ले सकती है। ऐसी एक महिला है जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले की रहने वाली है।
UP में मनचले बेलगाम... 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को दे रहे चुनौती
जिस राज्य में योगी आदित्यनाथ जैसे सख्त शासक की सरकार है। मनचलों की चाल नियंत्रित रहे इसके लिए एंटी रोमियो स्क्वाड है। जहां मुख्तार और अतीक सरीखे सूबे को दहलाने वाले माफिया सलाखों के पीछे है और उनके आर्थिक साम्राज्य पर बुलडोजर चल रहा है। ऐसे में सूबे के कुछ इलाकों में छुटभैये टाइप मनचलों-मनबढ़ों के डर से छात्राओं को पढ़ाई छोड़ घरों में कैद रहने को मजबूर होना पड रहा है।
UP में मनचले बेलगाम... 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को दे रहे चुनौती
जिस राज्य में योगी आदित्यनाथ जैसे सख्त शासक की सरकार है। मनचलों की चाल नियंत्रित रहे इसके लिए एंटी रोमियो स्क्वाड है। जहां मुख्तार और अतीक सरीखे सूबे को दहलाने वाले माफिया सलाखों के पीछे है और उनके आर्थिक साम्राज्य पर बुलडोजर चल रहा है। ऐसे में सूबे के कुछ इलाकों में छुटभैये टाइप मनचलों-मनबढ़ों के डर से छात्राओं को पढ़ाई छोड़ घरों में कैद रहने को मजबूर होना पड रहा है।
सुर्खियों में छोटे नेताजी
सपा कार्यकर्ताओं को शिवपाल द्वारा अखिलेश को दिया गया छोटे नेताजी नाम सुहाने लगा है। अब आलम ये है कि छोटे नेताजी नाम के पोस्टर-बैनर भी लगने लगे हैं। इस नाम की चर्चा सोशल मीडिया पर भी खूब हो रही है।
बिना पद के बढ़ा कद, शिवपाल के घर लगने लगा जमावड़ा
बिना पद के बढ़ा कद, शिवपाल के घर लगने लगा जमावड़ा
नए-नए पूरी तरह सपाई हुए शिवपाल यादव को हालांकि अभी समाजवादी पार्टी में कोई पद नही मिला है। लेकिन जिस तरह मैनपुरी उपचुनाव के दौरान उनकी पार्टी में दिल से वापसी हुई है और उसके बाद उनके विधानसभा क्षेत्र जसवंतनगर से डिम्पल यादव की जबर्दस्त वोटों की लीड मिली है। सपा में शिवपाल यादव का कद बिना पद के भी कई गुना बढ़ गया है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है लखनऊ में उनके यहाँ इन दिनों कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगने लगा है। कार्यकर्ताओं की इस भीड़ में सर्वाधिक संख्या उन लोगों की है जो निकट भविष्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में किसी न किसी पद पर प्रत्याशिता करना चाह रहे हैं। हालांकि राजनीतिक पंडितों की मुताबिक अखिलेश के लखनऊ वापसी पर शिवपाल को उनका वाजिब पद रूपी गिफ्ट जिसके वो हकदार हैं दिया जाएगा।
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खतौली मैच जीतने वाला मायूस क्यों ?
उत्तर प्रदेश में दो विधानसभा और एक लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव के परिणाम ने जहां विपक्षियों खासकर समाजवादी पार्टी और उनके सहयोगियों को राजनीतिक संजीवनी देने का काम किया है वहीं सत्तारूढ़ बीजेपी के उत्साह पर पानी फेर दिया है। लेकिन ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खतौली सीट पर जीत दर्ज करने के बाद भी राष्ट्रीय लोकदल यानि रालोद सुप्रीमो जयंत चौधरी खुश नही हैं बल्कि मायूस हैं। मायूस होने के पीछे के उनके तर्क को पिछले दिनों उनके द्वारा किए गए ट्वीट से बखूबी समझा जा सकता है। उन्होंने अपने ट्वीट में यह जताया था कि खतौली और मैनपुरी में उनके गठबंधन को जिस तरह से सबका समर्थन मिला है उससे उन्हें बहुत खुशी हुई है। ये सर्वसमाज में समरसता के अच्छे संकेत हैं। लेकिन जिस तरह रामपुर में चुनाव प्रक्रिया के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों का गला घोंटा गया है उससे मैं आहत हूं।
यूपी ही नहीं बिहार में भी परवान चढ़ रही चाचा-भतीजे के रिश्ते की राजनीति
ये महज एक इत्तेफाक ही है कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह समय के तराजू ने एक अरसे से राजनीति में दूर-दूर रह रहे एक परिवार के चाचा और भतीजे को एक पलड़े पर बैठने को मजबूर कर दिया ठीक उसी तरह पड़ोसी राज्य बिहार में भी ऐसे ही एक चाचा-भतीजे को एक पलड़े पर बैठा दिया है। जी हाँ यूपी में हम बात कर रहे हैं नेताजी मुलायम सिंह यादव कुनबे के चाचा शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव की और बिहार में चाचा नीतीश कुमार और भतीजे तेजस्वी यादव की।
डिम्पल नहीं रहीं सिम्पल
मैनपुरी में हुए लोकसभा उपचुनाव में जिस तरह से समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिम्पल यादव ने रिकार्डतोड़ जीत हासिल की है उसने यह साबित कर दिया है कि डिम्पल अब सिम्पल नही रहीं। वो अब एक परिपक्व राजनेत्री हो गयी है। नेताजी मुलायम सिंह यादव परिवार की बहू और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की सीधी-साधी सुसंस्कारित सी सदैव हिन्दुस्तानी लिबास में रहने वाली डिम्पल ने इस चुनाव के दौरान ऐसे-ऐसे कार्य-व्यवहार का इजहार किया है जिसने न केवल यादव कुनबे को एकजुट करने में मदद की बल्कि एक तरह से समाजवादी पार्टी के अस्तित्व को बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। क्योंकि नेताजी की गैरमौजूदगी में मैनपुरी का यह उपचुनाव पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव बन गया था।
मैनपुरी फतह : चाचा ने दिया आशीर्वाद, तो बहू ने रचा इतिहास
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के उपचुनाव में मिली सपा प्रत्याशी डिम्पल यादव की रिकार्ड जीत ने यह प्रमाणित कर दिया है कि यह जीत क्षेत्र में नेताजी मुलायम सिंह यादव के प्रति मतदाताओं की सहानुभूति और चाचा शिवपाल यादव की पार्टी में घर वापसी से उपजी कार्यकर्ताओं के उत्साह का परिणाम है। जिस तरह से जसवंतनगर विधानसभा क्षेत्र में डिम्पल यादव को वोट मिला है उससे यह साफ हो गया है कि चाचा शिवपाल यादव ने अपने विधानसभा क्षेत्र में न केवल अपनी पकड़ मजबूत रखी है बल्कि डिम्पल यादव की जीत के लिए ईमानदारी से क्षेत्र में उन्होने प्रयास भी किया है।
यूपी निकाय चुनाव : कब्जे के लिए अखिलेश ने चला नया दांव
विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर समाजवादी पार्टी पूरे जोशोखरोश से प्रदेश में होने जा रहे नगर निकाय या ये कह लें शहरी सरकार के चुनाव के लिए तैयारी में जुट गयी है। पिछले कुछ अरसे से पार्टी से नाराज चल रहे दिग्गज नेता शिवपाल सिह यादव के घर वापसी से उपजे उत्साह की वजह से पार्टी ने इस बार शहरी सरकार पर कब्जे को लेकर एक अलग रणनीति बनाई है। नेताजी मुलायम सिंह यादव के गैरमौजूदगी में पार्टी के सर्वेसर्वा पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव ने न केवल इस बार पार्टी सिंबल पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है बल्कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को इस चुनाव में मौका दिये जाने के प्रति भी काफी गंभीर है।
गोरखपुर के बाद अब वाराणसी का मेयर होगा किन्नर !
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर के नगर निगम के नाम एक अनूठा रिकार्ड भी दर्ज है। वो रिकार्ड है निगम का मेयर पद पर किसी किन्नर के विजयी होने का। जी हाँ गोरखपुर में सन 2001 में आशा देवी किन्नर मेयर चुनी गई थीं। हालांकि उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी जैसी सभी दिग्गज राजनीतिक पार्टियों के उम्मीदवार मैदान में थे। लेकिन इन सभी पार्टियों के दिग्गजों की जमानत जब्त हो गई थी। अब इसी रिकार्ड को तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के किन्नर भी इस निकाय चुनाव में कमर कस रहे हैं। वाराणसी के किन्नर समाज ने इस बार यह निर्णय लिया है कि प्रदेश में होने जा रहे नगर निकाय चुनाव में वाराणसी के मेयर और पार्षद पद पर किन्नर प्रत्याशी चुनाव लड़ेंगे।
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव : BJP और SP के राजनीतिक भविष्य का लिटमस टेस्ट
यूं तो उत्तर प्रदेश में लोकसभा की मैनपुरी और विधानसभा की रामपुर और खतौली सीट के लिए हुए उपचुनाव में मतदान हो चुका है और परिणाम आना शेष है। लेकिन इन चुनावों में भी खासकर मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को आम चुनाव की बजाय एक खास चुनाव के रूप में देखने की जरूरत है। क्योंकि यह चुनाव बीजेपी और सपा दोनों के लिए ही प्रतिष्ठा का चुनाव है।
जानिए एक हफ्ते में तीसरी बार गोरखपुर क्यों आए मुख्यमंत्री योगी !
जबसे योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुए है। तबसे शायद ही कोई ऐसा महीना बीता हो जब मुख्यमंत्री योगी अपनी पद की व्यस्तताओं के बावजूद अपनी कर्मस्थली गोरखपुर का दौरा न किए हो। और जब भी उनका गोरखपुर दौरा हुआ है तो हर बार गोरखपुर के लिए उनके द्वारा लिखी जा रही विकासी पटकथा में कुछ न कुछ नया अंश अवश्य जोड़ा गया। ऐसा इसलिए भी होता रहा क्योंकि अपने लगभग दो दशकीय सांसदी जीवन में योगी आदित्यनाथ ने बतौर राजनेता और आध्यात्मिक संत इस इलाके की जमीनी असलियत को बहुत नजदीक से न केवल महसूस किया है बल्कि देखा भी है। इसलिए अब जब शासन-सत्ता की बागडोर उनके हाथ में मिली है तो उसे ईश्वरीय कृपा मान कर हर उस समस्या का समाधान वो कर देना चाहते हैं जो उनकी प्राथमिकता में है।
महाराष्ट्र, बिहार की तरह यूपी में भी होगा तख़्ता पलट!
समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा एक चुनावी सभा में दिये गए सौ विधायक लाओ और सीएम बन जाओ जैसे बयानों के निहितार्थ अब निकाले जाने लगे हैं। राजनीति के जानकारों का मानना है कि जिस तरह महाराष्ट्र और हाल मे बिहार में सत्ता पलट हुआ है उसी तरह की सियासी सड़क पर अब उत्तर प्रदेश की सियासत भी चल पड़ी है। हालांकि कई राजनीतिक दिग्गज अखिलेश के बयान को महज सियासी तंज़ ही मान रहे है लेकिन सच्चाई ये है कि ये सियासत है। सियासत में कुछ स्थायी और कुछ भी नामुमकिन नही होता है। इसमें सब कुछ संभव है।
https://purvanchalnama.com/change-in-up-politics-likes-bihar/
मैनपुरी उपचुनाव : जानिए शिवपाल का मास्टर स्ट्रोक
मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रचारी सर्गर्मियां इन दिनों अपने चरम पर है। हर पार्टियों के दिग्गज मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र के एक-एक विधानसभा क्षेत्र को मथने में लगे हैं। हर कोई एक-एक मतदाता को अपने पाले में कर लेना चाहता है। चूंकि यह लोकसभा क्षेत्र समाजवादी पार्टी के गढ़ के रूप में जाना जाता रहा है। इसलिए यहाँ का जमीनी माहौल बीजेपी की अपेक्षा सपा के लिए माकूल है। माना जा रहा कि यहाँ के परिणाम पर नेताजी मुलायम सिंह यादव की गैरमौजूदगी से उपजी सहानुभूति भी रंग दिखाएगी। इसी रंग में पूरे क्षेत्र को रंगने के लिए समूचा यादव कुनबा ताल ठोंक के मैदान में उतर गया है।
धर्म संकट में धर्म सिंह
मुंह से निकली बोली और बंदूक से निकली गोली कभी वापस नहीं होती। इसीलिए कहा जाता है कि बहुत सोच समझ कर बोलना चाहिए। बीजेपी के पूर्व मंत्री धर्मसिंह सैनी अपनी बिना भूत-भविष्य समझे बोले गए बोली की वजह से आज धर्म संकट में फंस गए हैं। बीजेपी से सपा में गए धर्म सिंह की बीजेपी में पुनर्वापसी की तैयारी हो चुकी थी। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बीजेपी का प्रदेश आलाकमान 30 नवंबर को खतौली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंच से इनकी ज्वाइनिंग कराने की योजना पर मुहर लगा चुका था। यहाँ तक कि इस बाबत पूरी तैयारी से धर्मसिंह अपने घर से खतौली के लिए निकल भी चुके थे। लेकिन पिछले दिनों उनके द्वारा सीएम योगी के खिलाफ बोले गए एक नासमझ बोल ने उनके और बीजेपी प्रदेश आलाकमान के सारे किए कराये पर पानी फेर दिया।
CM सिटी गोरखपुर : पहले पानी की बाढ़ अब योगी के विकास की बाढ़
इसको कहते हैं समय का चक्र। एक समय था कि हर साल गोरखपुर का अधिकांश हिस्सा राप्ती नदी की बाढ़ का दंश झेलने को मजबूर रहता था। लेकिन समय बदला और सूबे में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद अब आलम ये है कि इस इलाके में पानी की बाढ़ की बजाय विकास योजनाओं की बाढ़ सी आ गयी है।
मैनपुरी उपचुनाव : पार्टियों के प्रचार में मौजूद है 'नेताजी'!
मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है। पार्टियों के प्रचार की रफ्तार तेज और तेज होती जा रही है। समाजवादी पार्टी के अस्तित्व में आने के बाद से यह पहला लोकसभा चुनाव है जिसमें नेताजी मुलायम सिंह यादव की उपस्थिति नहीं है क्योंकि यह उपचुनाव ही उनके निधन हो जाने की वजह से हो रहा है। लेकिन उनके अनुपस्थिति के बावजूद चुनाव प्रचार के दौरान हरतरफ नेताजी के नाम की ही गूंज है।
मैनपुरी उपचुनाव : डिम्पल ने मानी शर्त तो शिवपाल करने लगे प्रचार
चाचा शिवपाल यादव और उनके भतीजे अखिलेश यादव के बीच 2016 में पड़ी रिश्तों की दरार काफी गहरी होने के बावजूद अब लगता है पट चुकी है, यानि सामान्य हो चुकी है। बीते छः सालों में चाचा-भतीजे में कम से कम चार बार असामान्य फिर सामान्य रहे रिश्तों को अखिलेश की पत्नी डिम्पल यादव के एक फोन ने फिर सामान्य कर दिया है। ऐसा सामान्य कर दिया है कि मैनपुरी उपचुनाव में चाचा शिवपाल यादव अपनी बहू डिम्पल यादव के प्रचार में दिन-रात एक किए हुए हैं।
CM के सपनों का गोरखपुर : स्टील और बिजली उत्पादन के साथ-साथ रोजगार सृजन भी करेगा ‘अंकुर उद्योग (स्टील)’
भारतीय जनता पार्टी के सबका साथ-सबका विकास सरीखे एजेंडे के साथ-साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उत्तर प्रदेश खासकर पूर्वाञ्चल को लेकर अपना एक अलग सपना भी है। जो उन्होंने गोरखपुर लोकसभा सीट का दो दशकों तक प्रतिनिधित्व करते हुए और उससे भी अधिक समय से नाथ संप्रदाय के प्रसिद्ध गोरक्षपीठ से अपने जुड़ाव के दौरान देखा था। अब जब बाबा गोरक्षनाथ की कृपा और सूबे की पच्चीस करोड़ अवाम के विश्वास की बदौलत उन्हे अवसर मिला है तो उसे वो ईमानदारी से साकार करने में प्रयासरत हैं।
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मैनपुरी उपचुनाव : सपा के गढ़ में बीजेपी को है जीत का भरोसा
उत्तर प्रदेश में मैनपुरी लोकसभा के लिए हो रहे उप चुनाव में चुनाव प्रचार इन दिनों जोरों पर है। यूं तो चुनावी समर कई प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं लेकिन जीत के लिए मुख्य मुकाबला सपा और बीजेपी के बीच ही सिमटा हुआ है। सपा को जहां इस सीट पर विजय को लेकर नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन से उपजी सहानुभूति और परंपरागत प्रभाव वाला क्षेत्र होने का भरोसा है वही बीजेपी को योगी सरकार के कामकाज और पिछले चुनावी समीकरण उत्साहित कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी की तारणहार बनीं डिम्पल!
मैनपुरी लोकसभा के लिए हो रहे चुनाव ने आखिरकार चाचा शिवपाल और भतीजे अखिलेश के बीच की तल्ख दूरियाँ खत्म कर दी है। जो शिवपाल पिछले दिनों सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह पर न केवल लड़े बल्कि जीत कर विधायक भी बने। बाद में अखिलेश के रवैये से आहत होकर दूर-दूर रहने लगे थे। अपनी पार्टी प्रगतिशील समाज पार्टी को मजबूत करने में जुट गए थे। आज महज बहू डिम्पल यादव के इस चुनाव में उसके व्यवहार के चलते न केवल अखिलेश के साथ खड़े हैं बल्कि डिम्पल को चुनाव जिताने के लिए हर संभव प्रयास करने में जी-जान से लगे हुए हैं।
NER की छलांग : नए वर्ष में सबकुछ आनलाइन, समय और पेपर की होगी बचत
पूर्वोत्तर रेलवे में आजकल अधिकतर कामकाज आनलाइन हो रहा है। जो कुछ काम अभी मैन्यूवल हो भी रहा है वो भी नए साल यानि 2023 से पूरी तरह आनलाइन होने लगेगा। पूर्वोत्तर रेलवे अपने दैनिक कामकाज में ई-आफिस पोर्टल का बखूबी उपयोग कर रहा है। जैसे अधिकतर कार्यालयीय फाइलें, उससे जुड़े दिशा-निर्देश और पत्राचार संबंधित पत्रावलियाँ ई-आफिस पोर्टल पर ही आ-जा रहे है।
मैनपुरी उपचुनाव : डिम्पल को जिताने के लिए अखिलेश का सिम्पल दांव
मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी और पत्नी डिम्पल यादव को जिताने के लिए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने एक सिम्पल दांव चला है। जिस दांव के चलते उनके पिता और पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव लगातार इस सीट पर अजेय बने रहे। खुद भी जीतते रहे और औरों को भी जिताते रहे। वो दांव था उनके व्यवहार का।
GDA की कार्रवाई से हलकान खरीददार : पूंजी लगा दी मकान में, अब बेघर होने का खतरा
गोरखपुर महानगर के अनियोजित विकास पर लगाम लगाने के लिए गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की तरफ से महानगर समेत बाहरी क्षेत्रों में ड्रोन से सर्वे कराया जा रहा है। इस सर्वे में अब तक कुल 26 कालोनियों को अवैध पाया गया है। इस बाबत संबंधितों को जीडीए की तरफ से नोटिस भी भेजी जा रही है। जीडीए के इस कार्रवाई से इन कालोनियों में अपने सपने का आशियाना बना कर रहने वालों में अफरातफरी मच गयी है। उनका मानना है कि जब जमीन खरीदी गयी, रजिस्ट्री हुई और मकान का निर्माण कार्य हुआ। तो कोई रोकने नही आया। न ही किसी ने अवैध बताया। अब हमें अवैध बताया जा रहा है। हमारी तो जीवन भर की पूंजी भी गयी, मकान भी जाएगा। ऐसे में अब हम परिवार लेकर जाएँ तो जाएँ कहाँ।
CM योगी ने बदली तस्वीर : बाढ़ के लिए अभिशप्त राप्ती तट बनी मनोरंजन स्थली
उत्तर प्रदेश में जबसे योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने है। सूबे के हर हिस्से के साथ-साथ गोरखपुर की भी तस्वीर बदलने लगी है। गोरखपुर शहर के पश्चिमी हिस्से में कलकल बहती राप्ती नदी जो कभी बाढ़ की विभीषिका और जन-जानवर के जीवन के लिए अभिशप्त मानी जाती थी। आज उसका किनारा इलाकाइयों के मनोरंजन का साधन उपलब्ध करा रही है। साथ ही जल से जीवन के जुड़ाव का भी बोध करा रही है।
गीडा : प्रदेश में औद्योगिक विकास का रोल माडल साबित होगा
गोरखपुर इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट अथारिटी (गीडा) यानि गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण जिस तरह से अपने स्थापना के उद्देश्यों के तहत लगातार अपने क्रिया-कलापों को अंजाम दे रहा है। उससे लगता है कि वो दिन दूर नहीं जब गीडा सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लिए औद्योगिक विकास का रोल माडल साबित होगा।
Dy CM ब्रजेश पाठक : काफिले में गाड़ियों का टकराना महज संयोग या साजिश...
किसी भी काफिले में चल रही गाड़ियों का आपस में टकरा जाना महज एक इत्तफाक या संयोग हो सकता है लेकिन यही यदि घटना की आवृत्ति एक बार से अधिक हो और उसमे कुछ बातें आपस में समान हों तो निःसन्देह संयोग और साजिश दोनों ही पहलुओं पर विचार करना लाजिमी हो जाता है।
पराली : समस्या बनी समाधान, डीएम देवरिया की अनूठी पहल
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कभी अति पिछड़े जिले के रूप में शुमार रहे जिला देवरिया के जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने पराली को लेकर एक अभिनव प्रयोग अपने जिले में किया है। इससे न केवल शासन की मंशानुरूप किसानों की आय में वृद्धि हो रही है बल्कि पर्यावरण संरक्षण का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है। इसके तहत एक निजी कंपनी शुभम बायो एनर्जी के माध्यम से किसानों के खेतों की पराली 150 रुपया प्रति कुंतल की दर से खरीदी जा रही है। कंपनी पराली से बायो कोल का उत्पादन करेगी। इससे जहां कंपनी को अपने उत्पाद के लिए कच्चा माल मिल जा रहा है वही किसान भी न चाहते हुए खेतों में पराली जलाने की मजबूरी से बच जाएँगे। उन्हे आर्थिक लाभ हो रहा है सो अलग।
एक कर्मयोगी से जुड़ी तस्वीरों की प्रदर्शनी का उदघाटन किया दूसरे कर्मयोगी ने
गीता के सिद्धांत को अपने जीवन का आधार मानने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन से जुड़े चित्रों की एक प्रदर्शनी उनके संसदीय क्षेत्र काशी में लगाई गई। इसका उद्घाटन शुक्रवार को राजनीति व आध्यात्म के कर्मयोगी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया।
इस बार का मैरिज सीजन, बाजार के लिए बूस्टर डोज़ साबित होगा, पूर्वाञ्चल में हजारों करोड़ के कारोबार की उम्मीद
वैश्विक महामारी कोरोना ने दुनिया भर में दौड़ रहे व्यापार को घुटने के बल रेंगने को मजबूर कर दिया था। लेकिन समय के साथ-साथ उसकी धुंध भी अब छँटने लगी है। देश में खासकर उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से की बात करें तो दीपावली में बाजार की सेहत पहली बार काफी बेहतर दिखी। दीपावली-छठ और भैयादूज सरीखे त्योहारों ने जहां बाजार में छायी मंडी के लिए वैक्सीन की तरह काम किया है। वहीं अब मैरिज सीजन बाजार के लिए बूस्टर डोज की तरह फ्रूटफूल होने जा रहा है।
चंद्रग्रहण के बाद ही क्यों आ रहे हैं भूकंप, विशेषज्ञ मानते हैं कि रिस्क जोन में हैं देश के कुछ हिस्से
विज्ञान की मुताबिक चंद्रग्रहण के बाद भूकंप आने के सीधे तौर पर कोई संबंध भले न हो लेकिन चूंकि मान्यता है कि चंद्रग्रहण जल और समुद्र को प्रभावित करता है। इसलिए इसके प्रभाव से बाढ़, तूफान और भूकंप की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक होता है। इसलिए चंद्रमा का गुरुत्वकर्षण बल समुद्री ज्वार को प्रभावित करता है जिससे भूकंप की संभावना बढ़ जाती है।
देश की राजनीति में सांस्कृतिक प्रतिबद्धता का अनूठा उदाहरण है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में अपने पहले कार्यकाल में ही जहां भ्रष्टाचार और माफियाओं पर नकेल संबंधी दृढ़ता दिखा कर अपने संकल्प का इजहार किया वहीं हिन्दू सनातनी संस्कृति के सबसे बड़े आयोजन अर्धकुंभ 2019 को सफल बनाने के बाबत भी अपनी प्रतिबद्धता बता दी।
2017 में सत्तारूढ़ होने से लेकर काशी की देव दीपावली तक लगातार दिखा योगी सरकार का सांस्कृतिक संकल्प
कहते हैं कि किसी भी समाज या देश की प्रगति में उसके सांस्कृतिक अनुशासन का बड़ा योगदान होता है। देश को विश्व गुरु रूप में स्थापित करने की मोदी सरकार के संकल्प की वजह से ही संभवतः देश के सभी भाजपा शासित राज्य आज अपने सांस्कृतिक धरोहरों व संस्कारों की थाती को पूरे ज़ोर-शोर से न केवल देश-दुनिया में प्रचारित कर रहे हैं बल्कि उसे आज की पीढ़ी अपनाए इसके लिए प्रोत्साहित भी कर रहे हैं।
काशी की देव दीपावली : देव पर्व पर 21 लाख दीयों से रौशन हुई काशी, अनूठा रहा लेजरशो
हर साल कार्तिक माह की अमावस्या को मनाये जाने वाले प्रकाश पर्व दीपावली के ठीक 15 दिन बाद यानि कार्तिक की पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाया जाता है। दीपावली जहां नश्वर लोगों का त्योहार है वहीं देव दीपावली को देवताओं का पर्व माना जाता है।
CM जनता दर्शन : व्यस्तता के बावजूद CM पहुंचे फरियादियों के बीच, सुना उनका दर्द, दिया निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने दो दिवसीय गोरखपुर दौरे के दूसरे दिन आज रविवार को जनता दर्शन कार्यक्रम में पहुंचे। गोरखनाथ मंदिर परिसर स्थित स्मृति भवन प्रांगण में हर बार की भांति इस बार भी सुबह-सुबह जनता दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
गोरखपुर : विश्वस्तरीय होगी खोराबार आवासीय योजना, सभी सुविधाओं सहित अद्भुत मेडिसिटी भी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लगभग तीन दशक से सूबे की आबो-हवा और संस्कृति की नब्ज नजदीक से जानने-समझने का अवसर मिला। पहले नाथ संप्रदाय के प्रतिष्ठित गोरक्षपीठ से जुड़कर और फिर बतौर सांसद राजनीतिक जीवन अपना कर। इस अनुभव का भरपूर फायदा आज उन्हे मुख्यमंत्री बनने पर मिल रहा है। इसके नाते ही सूबे के हर हिस्से में आज सही मायने में चतुर्दिक विकास हो रहा है। आम-अवाम कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार जैसे मामलों में खासा राहत महसूस कर रही है। रोटी-रोजगार के साथ-साथ पूरे प्रदेश में नागरिकों के आवासीय समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सरकार अपनी नीतियों के तहत तरह-तरह के आवासीय योजनाए चला रही है। इस क्रम में ही अब मुख्यमंत्री की कर्मस्थली गोरखपुर में 175 एकड़ क्षेत्रफल में फैली विश्वस्तरीय आवासीय योजना की शुरुआत होने जा रही है।
गोरखपुर में डेंगू का डंक : डेंगू-टू-स्ट्रेन का कहर अधिक, टूटा पुराना रिकार्ड
गोरखपुर जिले के अतीत पर गौर करें तो इन महीनों में यह इलाका मासूम बच्चों के लिए अभिशप्त बीमारी इन्सेफेलाइटिस के कहर से जूझ रहा होता था। भला हो सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिनकी वजह से आज इन्सेफेलाइटिस लगभग अप्रभावी हो गयी है। लेकिन इस वर्ष मच्छर जनित एक दूसरी बीमारी डेंगू इस इलाके में अपना असर दिखा रहा है। इसके मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मरीजों का आंकड़ा पुराने रिकार्ड से भी आगे पहुँच चुका है।
अपराध में नंबर वन रहने वाला गोरखपुर बना स्वच्छता में नंबर वन
कहते हैं स्थान-काल-पात्र बदलने के साथ-साथ परिभाषाएँ भी बदल जाती है। गोरखपुर के संदर्भ में देखें तो स्थान और पात्र तो नहीं लेकिन सिर्फ काल यानि समय बदला और यहाँ की परिभाषा बदल गयी। कभी अपराध में नंबर वन रहने वाला गोरखपुर आज स्वच्छता में नंबर वन बन गया।
बिहार में जनता के सुंदर राज का सपना सँजोये प्रशांत किशोर
देश में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले प्रशांत किशोर इन दिनों बिहार भ्रमण पर है। प्रशांत द्वारा एक सोची समझी रणनीति के तहत किए जा रहे पदयात्रा रूपी भ्रमण की चर्चा इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनके भ्रमण को अपार जनसमर्थन मिल रहा है।
ऐसे ही नहीं सुर्खियों में है 'योगी का योगीराज'...
योगी आदित्यनाथ ने जबसे प्रदेश की कमान संभाली है। तबसे लगातार न केवल प्रदेश की छवि बदल रही है बल्कि कोई न कोई रिकार्ड प्रदेश के नाम दर्ज हो रहा है। ऐसा नही कि ये रिकार्ड किसी क्षेत्र विशेष में ही हो रहा है बल्कि सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक सहित व्यवस्थागत सरोकारों वाले हर क्षेत्र में बन रहा है। यही वजह है कि आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके सरकार की कार्यप्रणाली देश-दुनिया में सकारात्मक सुर्खियां बटोर रही है।
दीपावली : दीपोत्सव से हुई दीयों की ब्रांडिंग, बाजार में बढ़ी मांग, कुम्हारी कला को मिली संजीवनी
दीपावली जैसे त्योहार में कभी मिट्टी के बने दीये और खिलौने जो कुम्हार के घर के सालों-साल जीविका के आधार होते थे। उसके प्रति लोगों के हो रहे मोहभंग के चलते कुम्हारी का रोजगार लगभग समाप्त होने की कगार पर पहुँच गया था। लेकिन जबसे प्रदेश में योगी सरकार आई है उसने कुम्हारों की जिन्दगी मे संजीवनी देने का काम किया है। अयोध्या का दीपोत्सव, काशी की देव दीपावली सहित छोटे-बड़े शहरो-कस्बों तक में हो रहे दीपोत्सव कार्यक्रमों क आयोजन किया जा रहा है। इन आयोजनों ने मिट्टी के दीयो की ब्रांडिंग करने का काम किया है। इससे बाजार में इनकी ख़ासी मांग बढ़ गयी है।
अयोध्या : दीपोत्सव के दीयों के बीच रौशन होंगी 66 परियोजनाएं
अयोध्या में 2017 से शुरू हुआ दीपोत्सव का कार्यक्रम इस बार अपने भव्यतम रूप में होगा। हालांकि जबसे दीपोत्सव शुरू हुआ तबसे साल दर साल उसकी भव्यता बढ़ती ही गयी है। इक्यावन हजार दीये से शुरू होकर आज सातवें वर्ष तक आते-आते 15 लाख दीये जलाकर इस बार गिनीज़ बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज होने जा रहा है दीपोत्सव।
मिशन 2024 : सपा के सामने मुस्लिमों को साधे रहने की बड़ी चुनौती
लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए उत्तर प्रदेश में सियासी गतिविधियां शुरू हो गयी हैं। राजनीतिक दलों के नेता भी अपने लिए सुरक्षित सियासी ठौर तलाशने शुरू कर दिये हैं। लेकिन सबसे ज्यादा खलबली मुस्लिम नेताओं और उनके वोट बैंक को लेकर समाजवादी पार्टी में दिख रही है।
गोरखपुर में CM योगी : जनता दर्शन की लोकप्रियता ऐसी कि बिहार से भी पहुँच रहे फरियादी, संख्या 500 पार
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विशिष्ट कार्यशैली की वजह से दिन-प्रतिदिन उनके लोकप्रियता में इजाफा हो रहा है। कभी किसी कारण ट्वीटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इनके नाम से रिकार्ड तोड़ ट्रेंडिंग हो रही है तो कहीं उन्हे देश के भावी प्रधानमंत्री के रूप देखा जा रहा है।
PM मोदी 23 अक्टूबर को अयोध्या में : पंद्रह लाख दीये जलाकर दीपोत्सव में कायम होगा विश्वरिकार्ड
छोटी दिवाली के मौके पर 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में रहेंगे। अपने चार-पाँच घंटे के अयोध्या प्रवास के दौरान मोदी न केवल रामलला विराजमान के दर्शन-पूजन करेंगे, सरयू की आरती करेंगे बल्कि दीपोत्सव कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
गोरखपुर में बाढ़ : नरम होने लगा नदियों का तेवर, फिर भी संकट बरकरार
बाढ़ से होने वाली तबाही का रिकार्ड तोड़ने से पहले ही जिले की नदियों का उग्र तेवर अब नरम होने लगा है। हर साल जिले को बाढ़ से सर्वाधिक नुकसान पहुंचाने वाली नदी सरयू का जलस्तर अब धीरे-धीरे नीचे उतर रहा है। रविवार तक गोला बाजार क्षेत्र में इसका जलस्तर 40 सेमी कम हुआ है।
UP में कांग्रेस : फिर गलतफहमी का शिकार हुआ पार्टी हाइकमान
यह सच्चाई है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अपने संसदीय इतिहास के सबसे कमजोर दौर से गुजर रही है। देश की सबसे अधिक विधायकों की संख्या वाले प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के महज दो सदस्य हैं।
अखिलेश और शिवपाल फिर होंगे साथ : क्या राजनीति पर भारी पड़ेगी भावना?
समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के चिता की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है कि सपा कार्यकर्ताओं के सीने में एक सवाल आग बनकर धधकने लगी है। सवाल ये कि क्या सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव और उनके चाचा विधायक शिवपाल यादव फिर एक साथ आ जाएँगे।
मिशन 2024 : संघ ही लगाएगा बीजेपी की नैया पार !
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के हालिया कार्यक्रमों और उनकी गतिविधियों पर गौर करें तो ऐसा लगता है कि 2024 में होने वाले आम चुनाव के लिए बीजेपी से ज्यादा चिंता संघ को है। कानपुर में अभी एक बड़ी बैठक सम्पन्न हुई कि प्रयागराज में 16 अक्टूबर से अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल की बैठक बुला ली गयी।